सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे वालों को नहीं मिलेगा स्वामित्व योजना का लाभ
जागरण संवाददातामोदीनगर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए मकान दुकान घेर में रह
जागरण संवाददाता,मोदीनगर: सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए मकान, दुकान, घेर में रहने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। सरकार की स्वामित्व योजना के तहत चल रहे सर्वेक्षण में ऐसे लोगों को शामिल नहीं किया गया है। केवल उन्हीं लोगों को इसका लाभ मिलेगा। जो लोग अपनी पुश्तैनी, विरासत, बैनामा या वसीयत के आधार पर जमीन पर काबिज हैं। सरकार की स्वामित्व योजना के अंर्तगत चल रहे सर्वेक्षण के पहले चरण में मुरादनगर के 10, भोजपुर के 8 व रजापुर ब्लाक के 2 गांव शामिल किए गए हैं। तहसीलदार मोदीनगर उमाकांत तिवारी ने बताया कि योजना के तहत चल रहे सर्वेक्षण में राजस्व विभाग की टीम केवल उन्हीं मकान, दुकान, घेरों का सर्वेक्षण कर रही है। जिनकी या तो वह पुश्तैनी संपत्ति है या फिर उनको वह विरासत, बैनामा, वसीयत आदि के आधार पर कब्जा मिला है। इनमें उन लोगों को सर्वेक्षण का हिस्सा या इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जिन्होंने गांव की तालाब, एलएमसी, चरागाह आदि किसी भी प्रकार की सरकारी संपत्ति पर कब्जा कर मकान, दुकान, घेर आदि बना लिए हैं। ऐसे लोग चाहे कितने भी समय से उस जमीन पर काबिज हो। तहसीलदार ने बताया कि सर्वेक्षण में लगी टीमों को भी साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जे के प्रकरण में सावधानी बरते और रिकॉर्ड को देखकर किसी निर्णय पर पहुंचे।
------------------- -
एसडीएम, तहसीलदार ने किया निरीक्षण: स्वामित्व योजना पर चल रहे सर्वेक्षण के कार्य का एसडीएम आदित्य प्रजापति, तहसीलदार उमाकांत तिवारी ने रघुनाथपुर, जोया आदि कई गांवों का मंगलवार को स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने सर्वेक्षण में लगी टीमों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। एसडीएम ने साफ कहा कि सर्वेक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। वास्तविक स्थिति के आधार पर ही रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस दौरान सर्वेक्षण टीम ने एसडीएम को एक ही संपत्ति पर एक से ज्यादा लोगों की दावेदारी की स्थिति से अवगत कराया है। एसडीएम ने कहा कि किसी भी विवाद या आपत्ति जैसे मामले का निस्तारण तहसील न्यायालय में ही संभव है। ऐसे मामलों में दावेदारों को इससे अवगत करा दिया जाए। एसडीएम ने सर्वेक्षण में लगी टीम को आदेश दिए कि पूरे दिन का डाटा समय से पोर्टल पर अपलोड होना चाहिए। सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना है। एसडीएम ने ग्रामीणों से भी बात की और तमाम बिंदुओं पर चर्चा करते हुए आ रही समस्याओं के निस्तारण का पूरा पूरा आश्वासन दिया।
-यह है योजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज दिवस के मौके पर स्वामित्व योजना की घोषणा की थी। इसमें गांव की आबादी वाली संपत्ति पर मालिकाना हक तय किए जाने की सरकार की मंशा है। अब से पहले गांव की संपत्ति पर कब्जे के आधार पर ही मालिकाना हक माना जाता था। इसका कोई रिकॉर्ड तहसील या जिले स्तर पर नहीं होता है। आने वाले समय में इसका पूरा रिकॉर्ड तहसील के पास होगा। मालिकाना हक तय होने से व्यक्ति अपनी संपत्ति पर लोन ले सकता है।