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दोषियों पर सख्त कार्रवाई न होने से हरनंदी नदी हो रही प्रदूषित

जासं गाजियाबाद हरनंदी नदी को बचाने के लिए जरूरी है कि उसमें औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी न डाला जाए। इसे रोकने की मांग लगातार की जा रही है लेकिन हरनंदी नदी में दूषित पानी डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे दिन प्रतिदिन नदी में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 09:15 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 09:15 PM (IST)
दोषियों पर सख्त कार्रवाई न होने से हरनंदी नदी हो रही प्रदूषित
दोषियों पर सख्त कार्रवाई न होने से हरनंदी नदी हो रही प्रदूषित

जासं, गाजियाबाद: हरनंदी नदी को बचाने के लिए जरूरी है कि उसमें औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी न डाला जाए। इसे रोकने की मांग लगातार की जा रही है, लेकिन हरनंदी नदी में दूषित पानी डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे दिन प्रतिदिन नदी में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।

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दैनिक जागरण की ओर से हरनंदी नदी बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। इसमें विभिन्न राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, जनप्रतिनिधियों ने नदी को स्वच्छ बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की है। नदी का जीवन बचाने के लिए आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है। उनकी मांग है कि हरनंदी नदी का जीर्णोद्धार होना चाहिए, जिससे कि जिले के लोगों को न तो पेयजल की समस्या का सामना करना पड़े और न ही विभिन्न पर्व पर स्नान के लिए मजबूरी में हरिद्वार और गढ़मुक्तेश्वर जाना पड़े। लोग हरनंदी नदी मे भी स्नान कर पूजा-अर्चना कर सकें।

वर्जन.. हरनंदी नदी का जीर्णोद्धार होना चाहिए। नदी को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाना चाहिए, ताकि वह शहर में एक पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित हो सके।

- राजकुमार त्यागी, अध्यक्ष, फेडरेशन आफ राजनगर एक्सटेंशन एओए।

हरनंदी नदी को बचाने के लिए सिर्फ दावे नहीं करने होंगे, बल्कि दावों को पूरा करने के लिए कार्य भी करना होगा। नदी को दूषित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से पांच-छह बार मुलाकात की जा चुकी है, लेकिन संबंधित के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में हरनंदी नदी साफ नहीं हो सकेगी। इसके खिलाफ हम आवाज उठाएंगे। हरनंदी नदी का जीर्णोद्धार जरूर होना चाहिए।

- कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी, मुख्य संरक्षक, यूपी कोरवा।

नदी में औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी प्रवाहित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। पूर्व में कई बार कार्रवाई की गई है और आगे भी कार्रवाई की जाएगी।

- उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।


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