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ग्राम प्रधान ने पति व जेठ पर लगाया बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप

संवाद सहयोगी मुरादनगरथाना क्षेत्र के सुराना गांव की प्रधान ने अपने पति व जेठ पर बंधक बनाकर

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:39 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:39 PM (IST)
ग्राम प्रधान ने पति व जेठ पर लगाया बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप
ग्राम प्रधान ने पति व जेठ पर लगाया बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप

संवाद सहयोगी, मुरादनगर:

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थाना क्षेत्र के सुराना गांव की प्रधान ने अपने पति व जेठ पर बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की है। प्रधान अपने बच्चों को लेकर थाने पहुंची और आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की। ग्राम प्रधान का कहना है कि वह आला अधिकारियों से मिलकर शिकायत करेंगी।

मूलरूप से दिल्ली निवासी मोनिका यादव का विवाह सुराना गांव के रविद्र के साथ हुआ था। मोनिका वर्तमान में सुराना गांव के प्रधान पद पर आसीन हैं। मोनिका के अनुसार कुछ दिन पहले उसके जेठ के बेटे ने उनकी बेटी के साथ मारपीट की थी। मोनिका ने इस बात का विरोध किया तो पति ने उसे चुप रहने के लिए कहा। जब मोनिका चुप रहने के लिए तैयार नहीं हुई तो जेठ व पति ने उसे बंधक बनाकर कमरे में बंद कर लिया और उसके साथ मारपीट करते हुए यातनाएं दीं। इस दौरान मोनिका को भूखा- प्यासा भी रखा गया। मोनिका सोमवार दोपहर को किसी प्रकार कैद से मुक्त होकर अपने बच्चों को लेकर थाने जा पहुंची और पति व जेठ के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। प्रधान की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रधान पति रविद्र उसके भाई धर्मेंद्र ,सतेंद्र व अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। इस बीच मोनिका ने अपने मायके वालों को भी सूचित कर दिया। सूचना मिलने पर मोनिका के मायके के लोग थाने पहुंचे। थाना प्रभारी अमित कुमार का कहना है कि प्रधान की तहरीर पर आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। प्रधान द्वारा जान का खतरा बताए जाने पर उनकों पुलिस सुरक्षा में उनके मायके वाले के साथ भेज दिया गया। आरोपितों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।

- ग्राम प्रधान पद भी नहीं दे सकता शोषण के खिलाफ सुरक्षा किसी महिला के प्रधान बनने को ग्रामीण समाज में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है। अक्सर सरकारें महिला प्रधानों को ग्रामीण महिलाओं की प्रतिनिधि बनाकर अंर्तराष्ट्रीय मंचो पर भेजती हैं, लेकिन देखने में आया है कि अधिकतर महिला प्रधान अपने पतियों का मुखौटा मात्र साबित होती हैं। सुराना गांव की मोनिका के मामले में भी यही देखने में आया है। ग्राम पंचायत में पूरी तरह मोनिका के पति रविद्र के फैसले चलते हैं और मोनिका का प्रधान होना न होने के बराबर है। जब ग्राम प्रधान भी अपने घर में शोषण से मुक्त नहीं हैं तो आम महिलाओं की दशा का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।


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