दिल्ली में दो घोड़ों में ग्लैंडर्स की पुष्टि, गाजियाबाद में सतर्कता
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बिजेंद्र त्यागी ने जिले में सतर्कता बरतने के लिए पशु चिकित्सकों की 18 टीमों का गठन कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : देश की राजधानी दिल्ली में दो घोड़ों की ग्लैंडर्स की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में खलबली मच गई है। दिल्ली सरकार ने दोनों जिलों के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजकर इस संक्रामक रोग को फैलने से रोकने के लिए तत्काल सख्त इंतजाम करने और घोड़ों की जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बिजेंद्र त्यागी ने जिले में सतर्कता बरतने के लिए पशु चिकित्सकों की 18 टीमों का गठन कर दिया गया है। दिल्ली से सटे इलाकों के घोड़ों की जांच के लिए सैंपल एकत्र किए जाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) हिसार द्वारा दिल्ली के खिचड़ीपुर और तुर्कमान गेट क्षेत्र के दो घोड़ों की जांच रिपोर्ट में ग्लैंडर्स की पुष्टि की गई है। उनके मुताबिक खिचड़ीपुर के आसपास भोवापुर, कौशांबी, वैशाली, वसुंधरा, प्रहलाद गढ़ी, मकनपुर और खोड़ा जैसे इलाके बेहद नजदीक हैं। इन इलाकों में घोड़ों की जांच के लिए अभियान चलाया जाएगा। लोनी और प्रतापविहार क्षेत्र भी संवेदनशील माने गए हैं।
संक्रामक रोग है ग्लैंडर्स
ग्लैंडर्स एक संक्रामक रोग है, जिसमें बीमारी के जीवाणु पशुओं के शरीर में फैल जाते हैं। पशुओं के शरीर में गांठें पड़ जाती हैं, मुंह से खून निकलने लगता और सांस संबंधी तकलीफें भी बढ़ जाती हैं। बीमारी का पता एलाइजा और कॉम्लीमेंट फिक्सेशन (सीएफटी) परीक्षण के जरिये लगाया जाता है। घोड़ों में होने वाली इस बीमारी का इंसानों में भी फैलने का डर है। यही वजह है कि ग्लैंडर्स बीमारी की चपेट में आए घोड़ों को मारने का आदेश दिया जाता है। जिले में दो साल पहले 1,296 घोड़ों के सैंपल लेने पर 14 की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सभी 14 घोड़ों को मारा गया था। सीकरी के मेले पर रोक लगा दी गई थी। इस साल में अब तक 249 सैंपल लिए जा चुके हैं। सर्वे के मुताबिक देशभर में करीब 11.8 लाख अश्व प्रजाति (घोड़ा, गधा, खच्चर) है और जिले में यह संख्या तीन हजार से अधिक है। इनसे हजारों परिवारों की अजीविका जुड़ी हुई है।