ओटीएस से जीडीए को दो सौ करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद
छोटे बकायेदार आर्थिक तंगी की वजह से बकाया रकम नहीं जमा कर सके हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और बकायेदारों के लिए भी फायदेमंद साबित हुई है। योजना का लाभ लेने के लिए अंतिम दिन भी बकायेदारों ने आवेदन किया है। उम्मीद है कि दो सौ करोड़ रुपये इस योजना से जीडीए को मिल जाएंगे, क्योंकि 90 फीसद बड़े बकायेदार योजना का लाभ ले रहे हैं। छोटे बकायेदार आर्थिक तंगी की वजह से बकाया रकम नहीं जमा कर सके हैं। कोरोना के कारण लॉकडाउन होने पर उनका कार्य भी प्रभावित हुआ था, उनकी मांग है कि योजना को आगे बढ़ाया जाए, क्योंकि अब काम शुरू हो चुका है, ऐसे में अगर योजना आगे बढ़ाई गई तो वे लोग लाभ ले सकेंगे।
शासन ने मार्च में तीन माह के लिए ओटीएस लांच की थी। ओटीएस के तहत बकायेदारों की बकाया राशि पर लगा दंड ब्याज माफ करने का प्रावधान किया गया था। इसमें छह मार्च से आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी। योजना के शुरू होने के कुछ ही दिन बाद कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लागू हो गया। जिससे आवेदन प्रभावित हुए। जीडीए अधिकारियों ने शासन से आग्रह किया था कि ओटीएस को तीन माह के लिए बढ़ा दिया जाए। जिसके बाद बकायेदारों को 30 सितंबर तक योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना था। संख्या कम, वसूली ज्यादा: ओटीएस लांच किए जाने के वक्त गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा जारी की गई सूची में बकायेदारों की संख्या आठ हजार से अधिक थी, जिन पर करीब 465 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। बकाया रकम में दंड ब्याज की रकम भी जोड़ी गई है, सबसे ज्यादा बकाया इंदिरापुरम के बकायेदारों पर है। सबसे ज्यादा बकायेदार नंदग्राम में ईडब्ल्यूएस फ्लैट में रहने वाले लोग हैं। अब बड़े बकायेदारों ने योजना का लाभ लिया है, जिस कारण उनको दंड ब्याज से छूट मिलेगी। छूट दिए जाने के बाद बकायेदारों से दो सौ करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। भले ही बकाया जमा करने वालों की संख्या कम होगी, लेकिन बकाया रकम की वसूली ज्यादा होगी। ओटीएस से जीडीए को करीब दो सौ करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। ज्यादातर बड़े बकायेदारों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया, क्योंकि ओटीएस के तहत बकाया रकम जमा करने पर उनको दंड शुल्क जमा न करने की छूट मिलेगी।
- कंचन वर्मा, उपाध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण