आम्रपाली ग्रुप की तरह 18 बिल्डरों का ऑडिट कराएगा जीडीए
गाजियाबाद :आम्रपाली समूह की धोखाधड़ी से सबक लेते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) लंबित परियोजनाओं के 1
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : आम्रपाली समूह की धोखाधड़ी से सबक लेते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) लंबित परियोजनाओं के 18 बिल्डरों का ऑडिट कराएगा। उनकी आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाएगा। यह जानने के लिए कि वो प्रोजेक्ट पूरा करने में सक्षम हैं कि नहीं, यह खोजने का प्रयास किया जाएगा कि कहीं इन बिल्डरों ने परियोजना के लिए आवंटियों से जुटाई धनराशि का आम्रपाली समूह की तरह अन्य कंपनियों में तो ट्रांसफर नहीं कर दिया। भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के अध्यक्ष राजीव कुमार के निर्देश पर यह कदम उठाया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण की तर्ज पर ऑडिट का प्रारूप तैयार किया जाएगा। उन्हीं से विचार विमर्श कर ऑडिट के लिए एजेंसी निर्धारित की जाएगी। दिवाली बाद इस प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। रेरा ने इसके लिए दो महीने का वक्त दिया है। इन बिल्डरों की रेरा में शिकायतें ज्यादा
रेरा ने बिल्डरों को उनकी परियोजनाओं की प्रगति के हिसाब से श्रेणियों में बांटा है। सबसे निम्न स्तरीय श्रेणी सी है। जिसमें ऐसे बिल्डरों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनकी बहुत शिकायतें आ रही हैं। रेरा ने इसी श्रेणी के बिल्डरों का ही ऑडिट कराने के लिए निर्देशित किया है। इनमें से कुछ बिल्डरों के पास परियोजना का निर्माण करने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं हैं। कई बिल्डर वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण परियोजना को आगे नहीं बढ़ा पा रहे। ज्यादातर ऐसे हैं जिनका बिना कारण निर्माण लंबे समय से शुरू नहीं हुआ है। बी-श्रेणी में मामूली शिकायतों वाले बिल्डरों को सूचीबद्ध किया है। इस श्रेणी के बिल्डरों से बैठक कर शिकायतों का निस्तारण करने के लिए कहा गया है। ए श्रेणी में वो बिल्डर हैं, जिनकी शिकायतें नहीं है। सात बिल्डरों ने नहीं बनाया एक भी फ्लैट
रेरा में पंजीकृत सात आवासीय परियोजनाएं केवल नींव रखे जाने तक सीमित हैं। जीडीए ने भौतिक निरीक्षण कर पता लगाया कि इनमें एक भी फ्लैट का निर्माण नहीं हुआ है। जबकि, इन परियोजनाओं को लॉन्च हुए दो वर्ष से अधिक हो गए। इनमें रोजबेरी डेवलपर्स प्रो.लि., अम्बा रेजीडेंसी प्रा. लि, कृष्णा इंफ्रा होम प्रा. लि., एंथम यश कीर्ति इंफ्रा होम प्रा. लि., मंजू जे होम्स इंडिया प्रा. लि., यूटिलिटी स्टेटस प्रा. लि. और एसएमवी जेंसी नितिश्र इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. शामिल हैं।
-----
सुनवाई में नहीं जाते बिल्डर
कई बिल्डर रेरा की सुनवाई में नहीं जाते। इससे सुनवाई को टालना पड़ता है। कई मामलों में तीन बार नोटिस देने पर भी बिल्डर सुनवाई में उपस्थित नहीं हुआ तो एक पक्ष सुनने के बाद रेरा को फैसला देना पड़ा। उसके खिलाफ बिल्डर कोर्ट चले जाते हैं। बिल्डरों का तर्क होता है कि उनका पक्ष नहीं सुना गया। ऐसे में सुनवाई में बेवजह की देरी होती है।
-----
किस श्रेणी में कितने बिल्डर
ए श्रेणी-58
बी श्रेणी-39
सी श्रेणी-18
-----
बिल्डर-परियोजना
रोजबेरी डवलपर्स प्रो.लि.-साया एस क्लास
आदिनाथ प्रोबिल्ड इंडिया प्रा.लि.-एंजिल ज्यूपिटर
एएलटी सहकारी आवास समिति-सर्वोत्तम श्री
शिवालय इंफ्रा प्रा.लि.-लॉ रायल-दो
अम्बा रेजीडेंसी प्रा. लि.-अंबा होम्स
अजनारा इंडिया लि.-अजनारा इंटीग्रिटी
एसवीपी बिल्डर्स इ. लि.,एसवीपी डवलपर्स, जेपीजी बिल्डर्स-गुलमोहर गार्डन
एसआरबी प्रमोटर्स-केएम रेजीडेंसी
कृष्णा इंफ्रा होम प्रा. लि.-अपरिमेय एंक्लेव
एंथम यश कीर्ति इंफ्रा होम प्रा. लि.-ओजोन क्लासिक
मंजू जे होम्स इंडिया प्रा. लि.-रेड एप्पल होम
आइडिया बिल्डर्स प्रा.लि.-रेड एप्पल रेजीडेंसी
केडीपी बिल्डवेल प्रा.लि.-केडीपी एमजीआइ घरौंदा
अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रा लि.-अंसल सुशांत एक्वापोलिस
यूटिलिटी स्टेटस प्रा. लि.-पार्क टाउन कलर होम्स
एसएमवी जेंसी नितिश्र इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि.-शौर्यपुरम
रक्षा विज्ञान कर्मचारी सहकारी आवास समिति-अंतरिक्ष अपार्टमेंट
पार्श्वनाथ बिल्डवेल प्रा. लि.-पार्श्वनाथ एग्जॉटिका
रेरा के निर्देश पर सी-श्रेणी के 18 बिल्डरों का ऑडिट कराया जाएगा। यह देखा जाएगा कि इनकी आर्थिक स्थिति क्या है। कहीं इन्होंने परियोजनाओं का पैसा आम्रपाली ग्रुप की तरह अन्य कंपनियों में तो ट्रांसफर नहीं कर दिया, जिसके कारण परियोजनाओं की प्रगति धीमी है।
-कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए