बेटी की शादी के लिए जोड़े रुपये ट्रस्ट ने हड़प लिये
बिहार के मोतिहारी की मूलनिवासी सरस्वती सिहानी गेट के भाटिया मोड़ स्थित संगम विहार में पति राम अयोध्या शाह व पांच बच्चों के साथ किराए के मकान में रहती हैं। 2014 में पड़ोस में रहने वाली महिला ने उन्हें एक ट्रस्ट के बारे में बताया। कहा कि बैंक की तरह इसकी कई शहरों में शाखाएं खोली गई हैं। हर माह एक निश्चित राशि जमा करने पर एक या दो साल बाद ऊंची ब्याज दर के साथ एकमुश्त रकम लौटा दी जाती है। सरस्वती ने दिसंबर-2014 में एक हजार रुपये देकर खाता खुलवाया। ट्रस्ट की ओर से उन्हें पासबुक भी दी गई। दिसंबर-2016 तक उन्होंने 24 हजार रुपये जमा किए।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : पड़ोसी महिला के झांसे में आकर बेटी की शादी के लिए पैसे इकट्ठे करने और उस पर अधिक ब्याज पाने के लिए दो साल तक जमा कराए गए 24 हजार रुपये एक ट्रस्ट ने हड़प लिये हैं। आरोप है कि पड़ोसी महिला ने राजनगर एक्सटेंशन में फ्लैट खरीद लिया है और दो साल से लगातार पैसे के लिए बहाना बना रही है। पैसे न मिल पाने के कारण पीड़िता को जून में होने वाली बेटी की शादी भी टालनी पड़ी। सोमवार को उन्होंने मामले में सिहानी गेट थाने में तहरीर दी है।
बिहार के मोतिहारी की मूल निवासी सरस्वती सिहानी गेट के भाटिया मोड़ स्थित संगम विहार में पति राम अयोध्या शाह व पांच बच्चों के साथ किराए के मकान में रहती हैं। 2014 में पड़ोस में रहने वाली महिला ने उन्हें एक ट्रस्ट के बारे में बताया। कहा कि बैंक की तरह इसकी कई शहरों में शाखाएं खोली गई हैं। हर माह एक निश्चित राशि जमा करने पर एक या दो साल बाद ऊंची ब्याज दर के साथ एकमुश्त रकम लौटा दी जाती है। सरस्वती ने दिसंबर-2014 में एक हजार रुपये देकर खाता खुलवाया। ट्रस्ट की ओर से उन्हें पासबुक भी दी गई। दिसंबर-2016 तक उन्होंने 24 हजार रुपये जमा किए। मार्च-2017 तक उन्हें 29 हजार रुपये के भुगतान की बात कही गई, लेकिन इसके बाद महिला वहां से चली गई। उनकी बेटी गुड़िया की चार जून 2018 को शादी थी, लेकिन पैसे न मिलने के कारण उसे टालना पड़ा। थाने पहुंची सरस्वती का कहना है कि 10 दिसंबर को उनकी बेटी की शादी तय की गई है। मगर पैसे नहीं मिलने के कारण वह काफी परेशान हैं। सिहानी गेट थाना प्रभारी संजय पांडे का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इसके आधार पर ही रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
देशभर में हुआ है फ्रॉड
थाना प्रभारी के मुताबिक जिस ट्रस्ट के नाम से खाता खोला गया और पासबुक दी गई है, उसने देश में करोड़ों रुपये की ठगी की है। यह ट्रस्ट निचले तबके के कम पढ़े-लिखे लोगों को निशाना बनाता है। लोगों से बचत कर पैसे जमा करने और फिर जरूरत पर एकमुश्त मिल जाने का झांसा दिया जाता है। जोधपुर पुलिस ने जनवरी-2018 में इस ट्रस्ट के संचालक को भी गिरफ्तार किया था। वहीं इसका प्रमुख कोलकाता की जेल में बंद है। सरस्वती का कहना है कि उनकी जानकारी में करीब 20 लोग ऐसे हैं, जो ठगी का शिकार हुए हैं।