Move to Jagran APP

फर्जी दस्तावेजों पर लोन कराकर कार खरीदने वाले गिरोह के पांच बदमाश दबोचे

जागरण संवाददाता गाजियाबाद नगर कोतवाली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से लोन कराकर कार खरीदने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर खरीदी गईं चार नई कार दो बाइक आठ आधार कार्ड पांच एटीएम कार्ड और फर्जी दस्तावेज बनाने के उपकरण बरामद किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 08:45 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 08:45 PM (IST)
फर्जी दस्तावेजों पर लोन कराकर कार खरीदने वाले गिरोह के पांच बदमाश दबोचे
फर्जी दस्तावेजों पर लोन कराकर कार खरीदने वाले गिरोह के पांच बदमाश दबोचे

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नगर कोतवाली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से लोन कराकर कार खरीदने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर खरीदी गईं चार नई कार, दो बाइक, आठ आधार कार्ड, पांच एटीएम कार्ड और फर्जी दस्तावेज बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है कि गिरोह सरगना पूर्व में इसी तरह के मामले में खोड़ा थाने से जेल जा चुका है। उसके भाई समेत दो अन्य आरोपित फरार हैं। उन्हें भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

loksabha election banner

एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने बताया कि नगर कोतवाली पुलिस ने चेकिग के दौरान हापुड़ मोड़ पर कार सवार युवकों को रोका और उनकी तलाशी ली। तलाशी लेने पर कार में लैपटाप और प्रिटर समेत अन्य सामान मिला। शक होने पर पुलिस आरोपितों को पकड़ कर थाने लाई और पूछताछ की। पता चला कि आरोपित एक बड़े फर्जीवाड़ा गिरोह के बदमाश हैं। इसके बाद इनके अन्य साथियों को भी पकड़ा गया। एसपी सिटी ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों में चांदपुर बिजनौर निवासी गिरोह का सरगना अजीत, दोघट बागपत निवासी सागर पंवार, धामपुर बिजनौर निवासी यश चौहान, शास्त्रीनगर निवासी अरुण भारद्वाज और प्रताप नगर निवासी विवेक त्यागी शामिल हैं। वहीं अजीत का भाई योगेंद्र और साथी अंकित उर्फ चिटू फरार हैं। ऐसे तैयार करते थे फर्जी दस्तावेज : नगर कोतवाली प्रभारी अमित कुमार खारी ने बताया कि आरोपित उपकरणों से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, सेलरी स्लिप और लोन लेने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज तैयार कर लेते थे। इसके बाद कार लोन के लिए निजी बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जीवाड़े की फाइल जमा की जाती थी। लोन लेने वाले आवेदक के पते का सत्यापन करने का काम विवेक त्यागी का होता था। वह आरोपितों से लोन की कुछ प्रतिशत रकम लेकर पता सत्यापित कर देता था। इसके बाद आरोपित कार की कुछ कीमत शोरूम में जमा कर नई कार निकालते थे। पुलिस का कहना है कि लोन पर ली कार और बाइक को आरोपित अनजान लोगों को सस्ते दामों में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.