फर्जी दस्तावेजों पर लोन कराकर कार खरीदने वाले गिरोह के पांच बदमाश दबोचे
जागरण संवाददाता गाजियाबाद नगर कोतवाली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से लोन कराकर कार खरीदने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर खरीदी गईं चार नई कार दो बाइक आठ आधार कार्ड पांच एटीएम कार्ड और फर्जी दस्तावेज बनाने के उपकरण बरामद किए हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नगर कोतवाली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से लोन कराकर कार खरीदने वाले गिरोह के सरगना समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से पुलिस ने फर्जीवाड़ा कर खरीदी गईं चार नई कार, दो बाइक, आठ आधार कार्ड, पांच एटीएम कार्ड और फर्जी दस्तावेज बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है कि गिरोह सरगना पूर्व में इसी तरह के मामले में खोड़ा थाने से जेल जा चुका है। उसके भाई समेत दो अन्य आरोपित फरार हैं। उन्हें भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने बताया कि नगर कोतवाली पुलिस ने चेकिग के दौरान हापुड़ मोड़ पर कार सवार युवकों को रोका और उनकी तलाशी ली। तलाशी लेने पर कार में लैपटाप और प्रिटर समेत अन्य सामान मिला। शक होने पर पुलिस आरोपितों को पकड़ कर थाने लाई और पूछताछ की। पता चला कि आरोपित एक बड़े फर्जीवाड़ा गिरोह के बदमाश हैं। इसके बाद इनके अन्य साथियों को भी पकड़ा गया। एसपी सिटी ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों में चांदपुर बिजनौर निवासी गिरोह का सरगना अजीत, दोघट बागपत निवासी सागर पंवार, धामपुर बिजनौर निवासी यश चौहान, शास्त्रीनगर निवासी अरुण भारद्वाज और प्रताप नगर निवासी विवेक त्यागी शामिल हैं। वहीं अजीत का भाई योगेंद्र और साथी अंकित उर्फ चिटू फरार हैं। ऐसे तैयार करते थे फर्जी दस्तावेज : नगर कोतवाली प्रभारी अमित कुमार खारी ने बताया कि आरोपित उपकरणों से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, सेलरी स्लिप और लोन लेने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज तैयार कर लेते थे। इसके बाद कार लोन के लिए निजी बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जीवाड़े की फाइल जमा की जाती थी। लोन लेने वाले आवेदक के पते का सत्यापन करने का काम विवेक त्यागी का होता था। वह आरोपितों से लोन की कुछ प्रतिशत रकम लेकर पता सत्यापित कर देता था। इसके बाद आरोपित कार की कुछ कीमत शोरूम में जमा कर नई कार निकालते थे। पुलिस का कहना है कि लोन पर ली कार और बाइक को आरोपित अनजान लोगों को सस्ते दामों में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे थे।