सड़क पर उतरी जिले की पहली इलेक्ट्रिक कार
देश का सबसे प्रदूषित शहर होने का कलंक मिटाने के लिए यहां के लोगों ने पेट्रोल-डीजल की कार को बाय-बाय कहना शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत शहर में राजनगर के एक शख्स ने पहली इलेक्ट्रिक कार खरीदकर की है जो सड़क पर दौड़ने लगी है। इस कार से पहले इलेक्ट्रिक वाहनों की जमात में स्कूटी ई-कार्ट व ई-रिक्शा काफी तादाद में पहले से मौजूद हैं।
शाहनवाज अली, गाजियाबाद
देश का सबसे प्रदूषित शहर होने का कलंक मिटाने के लिए यहां के लोगों ने पेट्रोल-डीजल की कार को बाय-बाय कहना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत शहर में राजनगर के एक शख्स ने पहली इलेक्ट्रिक कार खरीदकर की है, जो सड़क पर दौड़ने लगी है। इस कार से पहले इलेक्ट्रिक वाहनों की श्रेणी में स्कूटी, ई-कार्ट व ई-रिक्शा काफी तादाद में मौजूद हैं।
बढ़ते प्रदूषण को हम अनदेखा करके न जाने कितनी गंभीर बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। शहर में वायु प्रदूषण के लिए वाहन सबसे जिम्मेदार जिम्मेदार हैं। अधिकांश गाड़ियां पेट्रोल और डीजल की ही दौड़ रही हैं। प्रदूषित शहरों में पहले नंबर पर आने के बाद यहां के लोगों में इस कलंक को धोने और आने वाली पीढि़यों को साफ हवा देने की जागरुकता आने लगी है। इसकी शुरुआत राजनगर निवासी यश गुटगुटिया ने की है। उन्होंने इलेक्ट्रिक कार खरीदी है, जो गाजियाबाद की पहली इलेक्ट्रिक कार बनी है। उन्होंने अपनी कंपनी के नाम कार का रजिस्ट्रेशन कराया है। यह दिखने में डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों की तरह है, लेकिन नंबर प्लेट का हरा रंग ही इसे दूसरों से अलग करता है। प्रदूषण रहित इस कार के पास से गुजरने पर कोई आवाज नहीं होती। इसके खरीदने के पीछे यश गुटगुटिया का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण की बड़ी वजह फैक्ट्रियों व सड़क किनारे उड़ती धूल के अलावा अन्य कारणों के साथ सड़कों पर लाखों की संख्या में दौड़ रहे पेट्रोल-डीजल वाहन भी हैं।
नई कार खरीदने का प्लान किया तो इस बारे में अपनी माता बबीता गुटगुटिया व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बात की। सभी ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर इस बार इलेक्ट्रिक कार खरीदने की सलाह दी। उन्हें नहीं पता था कि यह कार जिले की पहली इलेक्ट्रिक कार होगी। लेकिन उन्हें इस बात का सुखद अहसास था कि इलेक्ट्रिक कार खरीद कर वह प्रदूषण कम करने में छोटा सा योगदान देने जा रहे हैं। यह खुशी तब दोगुनी हो गई, जब जानकारी मिली कि उनकी इलेक्ट्रिक कार जिले में पहली है। उनकी माता बबीता गुटगुटिया का कहना है कि प्रदूषण बढ़ाने की जगह जहां तक कम किया जा सके इसके लिए भागीदार बनें। वह चाहे किसी भी सूरत में हो। बता दें कि इसके अलावा जिले में अभी तक इस इलेक्ट्रिक कार के अलावा 177 स्कूटी, 2484 ई-रिक्शा व 318 ई-कार्ट भी रजिस्टर्ड हैं।
इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने पर इनकम टैक्स में भी छूट
बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी रेट 12 से घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया था। इसके अलावा इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने की खातिर लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट इनकम टैक्स (एडिशनल इनकम टैक्स डिडक्शन) में मिलती है। इस कदम से केंद्र सरकार लोगों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को किफायती बनाना चाहती है। सरकार की मंशा वाहनों से फैलने वाले वायु प्रदूषण से लोगों को मुक्ति दिलाना भी है। अभी जनपद में एक ही इलेक्ट्रिक कार का रजिस्ट्रेशन कराया गया है। बदलाव की बात करें तो इलेक्ट्रिक कार की नंबर प्लेट का कलर हरा है। यह हरा रंग प्रदूषण रहित होने की स्वयं गवाही देगा। सरकार की भी मंशा है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों का चलन बढ़े ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निजात पाई जा सके।
- विश्वजीत प्रताप सिंह, एआरटीओ प्रशासन।