इलेक्ट्रिक कार के बाद शहर की सड़क पर उतरा पहला ई-आटो
जनपद में पहली इलेक्ट्रिक कार के बाद संभागीय परिवहन विभाग में पहले ई-आटो का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इससे जहां फ्यूल डलवाने के लिए सीएनजी पंप पर लाइन से बचने का मौका मिलेगा वहीं प्रदूषण से निजात के साथ सस्ता भी साबित होगा। प्रदूषण के खिलाफ जंग में वाहन मालिकों में भी जागरूकता आने लगी है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जनपद में पहली इलेक्ट्रिक कार के बाद संभागीय परिवहन विभाग में पहले ई-आटो का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इससे जहां फ्यूल डलवाने के लिए सीएनजी पंप पर लाइन से बचने का मौका मिलेगा, वहीं प्रदूषण से निजात के साथ सस्ता भी साबित होगा। खास बात है कि ई-ऑटो घर में लगे चार्जिग प्वाइंट से भी चार्ज हो सकेगा।
देश के प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद काफी समय तक अव्वल नंबर पर रहा है। प्रदूषण कम करने को लेकर एनजीटी के आदेश पर यहां के उद्योग धंधे, निर्माण कार्य एवं निर्माण सामग्रियों पर रोक लगी रही, लेकिन प्रदूषण के स्तर ने कम होने का नाम नहीं लिया। इसके पीछे लाखों की संख्या में दौड़ने वाले वाहनों को भी जिम्मेदार माना गया, लेकिन इन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगी। उधर, केंद्र सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को चलन में लाने के लिए बजट में इनके लिए छूट भी दी। ताकि लोग कम खर्च पर प्रदूषणरहित वाहनों से सफर कर सकें। इसी क्रम में गाजियाबाद में गत दिनों जहां पहली इलेक्ट्रिक कार का रजिस्ट्रेशन कराया गया, वहीं इसके बाद सहायक संभागीय परिवहन विभाग में जिले के पहले इलेक्ट्रिक आटो का रजिस्ट्रेशन हुआ है। रजिस्ट्रेशन विजयनगर निवासी मुकेश अग्रवाल के नाम से हुआ है। उन्होंने बताया कि यह आटो प्रदूषणरहित होने के साथ ही किफायती भी है। इसके साथ ही सीएनजी की लाइन में लगने से भी मुक्ति मिलेगी। कीमत करीब तीन लाख रुपये है। आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का ही होगा। यही सोचकर इसकी शुरुआत की है।
एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जनपद के पहले ई-आटो का पंजीकरण कराया गया है, जो पूरी तरह ईको फ्रेंडली है। इसकी नंबर प्लेट का रंग हरा होने के साथ ही इस पर नंबर पीले रंग से लिखे जाएंगे।
- विश्वजीत प्रताप सिंह, एआरटीओ प्रशासन।