इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ने लगी दिलचस्पी
जासं गाजियाबाद प्रदूषित शहर का कलंक मिटाने और तेल के बढ़ते दाम से आजिज आए लोगों में इ
जासं, गाजियाबाद : प्रदूषित शहर का कलंक मिटाने और तेल के बढ़ते दाम से आजिज आए लोगों में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति दिलचस्पी बढ़ने लगी है। शुरुआती दौर में जिले में 197 से अधिक दोपहिया व डेढ़ दर्जन इलेक्ट्रिक कार सड़क पर दौड़ रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की श्रेणी में चार हजार से अधिक ई-कार्ट व ई-रिक्शा भी मौजूद हैं।
प्रदूषित शहरों में पहले नंबर पर रहे गाजियाबाद के लोगों में इस कलंक को धोने और आने वाली पीढि़यों को स्वच्छ हवा देने के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इलेक्ट्रिक बाइक व कार दिखने में डीजल व पेट्रोल की गाड़ियों की तरह हैं, लेकिन नंबर प्लेट का हरा रंग व बिना आवाज के फर्राटे भरना इसे तेल चालित वाहनों से अलग करता है। इलेक्ट्रिक कार खरीदने वाले राजनगर के यश गुटगुटिया का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण की बड़ी वजह लाखों की संख्या में दौड़ रहे पेट्रोल-डीजल वाहन भी हैं। उन्हें खुशी है कि इलेक्ट्रिक कार खरीदकर प्रदूषण कम करने में योगदान दिया। जिले में अभी तक दो दर्जन इलेक्ट्रिक कार व 197 से अधिक इलेक्ट्रिक बाइक व स्कूटी पंजीकृत हो चुकी है। इसके पीछे लोगों का मत प्रदूषण को मात देने के साथ ही बढ़ती तेल कीमतें भी हैं। जिले में 3620 ई-रिक्शा व 515 ई-कार्ट पंजीकृत हैं।
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जिले के लोगों में इलेक्ट्रिक कारों के प्रति रुझान बढ़ा है। सरकार की भी मंशा है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों का चलन बढ़े ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निजात मिले। दोपहिया का पंजीकरण शुल्क 300 रुपये व कार का 600 रुपये मात्र है।
- विश्वजीत प्रताप सिंह, एआरटीओ प्रशासन