लोगों ने घर पर अदा की ईद की नमाज
जागरण संवाददाता गाजियाबाद कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा (बकरीद) मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ह
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अजहा (बकरीद) मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हर्षोल्लास के साथ मनाया। अकीदतमंदों ने अपने घर में नमाज अदा की। नमाज के बाद मुल्क में अमन चैन और तरक्की के लिए दुआ मांगी गई। कोरोना की वजह से मोमिनों ने एक-दूसरे के गले और हाथ मिलाए बिना मुबारकबाद पेश की।
सोशल मीडिया पर मैसेज कर लोगों को ईद की नमाज अदा करने का समय और नमाज पढ़ने का तरीका बताया गया। लोगों ने ईद की नमाज पढ़ना व पढ़ाना सीखने के लिए इंटरनेट की मदद ली। फोन पर उलेमाओं से ईद की नमाज की जानकारी लेकर नमाज अदा की। शनिवार सुबह छह बजे से ही घरों में बूढ़े, बच्चे और जवानों में ईद की खुशियों की उमंग शुरू हो गई। सुबह 07:00 बजे से 10:00 बजे तक ईद की नमाज अदा की गई। मस्जिदों में पांच पांच लोगों ईद की नमाज अदा की। लोगों ने अपने घरों में पर्दे में बकरे की कुर्बानी दी। शहर इमाम मुफ्ती जमीर कासमी ने नमाज से पहले तकरीर में बकरीद की बारे में बताया और लोगों से हजरत इब्राहिम की सुन्नत अदा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हम ईमानदारी और सच्चाई के रास्ते पर चलेंगे तो मुल्क में हमेशा अमन चैन कायम रहेगा। लोगों को बकरीद के मायने तफशीर में बताए। लोगों से आपसी भाईचारे के साथ मिलजुलकर ईद मनाने की अपील की। साथ ही मोबाइल से कुर्बानी के फोटो और वीडियो न लेने एवं सोशल मीडिया पर शेयर न करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि हमें हजरत इब्राहीम के नक्शे कदम पर चलना होगा। मजलूम और गरीबों की मदद करनी होगी। अपनी नफ्स पर काबू रखना होगा। उन्होंने कुर्बानी के अवशेषों का सही से निस्तारण करने और किसी को कोई दिक्कत नहीं होने देने की अपील की।
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चाक-चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था
ईद के मौके पर किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। शहर की ईदगाहों और मस्जिदों के बाहर पुलिसकर्मी तैनात रहे। इस दौरान हर आने जाने वाले व्यक्ति पर पुलिस की नजर रही।