डीएमई: पोल खुली तो दौड़े एनएचएआइ के अफसर
मदन पांचाल गाजियाबाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में बनने क
मदन पांचाल, गाजियाबाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे में बनने के दो महीने बाद आई दरारों की दैनिक जागरण ने पोल खोली तो बुधवार को तपती धूप में एनएचएआइ के अफसर दिन भर एक्सप्रेस-वे पर दौड़ लगाते रहे। निर्माण कंपनी को साथ लेकर तकनीकी अफसरों ने प्रोजेक्ट के दूसरे एवं चौथे चरण का पूरा मुआयना किया। एक-एक दरार का तकनीकी परीक्षण किया गया। कुछ दरारों को भरने का काम भी शुरू कर दिया गया है। बम्हैटा अंडरपास को बंद करके पानी निकासी का काम भी शुरू कर दिया गया है। एनएचएआइ के उच्च अफसरों ने अधीनस्थों को कड़ी फटकार लगाई है। एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर उठने वाले सवालों के चलते उच्च स्तरीय जांच की तैयारी तेज हो गई है।
बता दें कि दैनिक जागरण ने 26 मई के अंक में एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर पड़ताल करते हुए खबर प्रकाशित की थी। बुधवार को एनएचएआइ के अफसरों के साथ ही निर्माण कंपनी के प्रबंधक यूपी गेट से लेकर परतापुर तक एक्सप्रेस-वे की तकनीकी जांच को निकल पड़े। तीन अंडर पास में भरे पानी को मशीनों के जरिये निकलवा दिया गया है। दो अंडरपास को साफ करते हुए वाहनों के लिए खोल दिया गया है। दरार देखने नीचे बैठ गए अफसर
कोलंबिया एशिया अस्पताल के पास एक्सप्रेस-वे की सड़क के बीचों-बीच आइ दरार का तकनीकी मुआयना करने के लिए एनएचएआइ के प्रबंधक तकनीकी अरविद कुमार टीम के साथ सड़क पर बैठ गए। बैठकर दरारों की जांच की। निर्माण सामग्री के सैंपल भी एकत्र किए गए हैं। सैंपल की जांच आइआइटी द्वारा कराई जाएगी। यह तो पहली बारिश है
पहली बारिश में ही निर्माण की पोल खुल गई है। जून के अंत में मानसून आएगा तो निर्माण कार्यो की असलियत सामने आ सकती है। दरअसल पूरे एक्सप्रेस-वे पर बारिश के पानी की निकासी का पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। इसके चलते अंडर पास पानी से भर जाते हैं। सड़क टूटने लगती है। यूपी गेट से डासना तक आई दो हजार करोड़ की लागत
प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में यूपी गेट से डासना तक एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर कुल 1989 करोड़ की लागत आई है। इस हिस्से की लंबाई 19.38 किलोमीटर हैं और निर्माण करने वाली कंपनी का नाम मैसर्स एप्को चेतक अल्ट्रावे है। सुरक्षा सलाहकार के रूप में एलमोंडज ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसंलटेंट को नामित किया गया है। चौथे चरण का निर्माण करने वाली कंपनी मैसर्स जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट द्वारा 1087 करोड़ खर्च किया गया है। इस हिस्से की लंबाई 31.770 किलोमीटर है। इस हिस्से की सुरक्षा सलाहाकार कंपनी कैमिन कनेप्सन है। पूरे प्रोजेक्ट पर 8,346 करोड़ की लागत आई है। इनकी हुई तकनीकी जांच
- कोलंबिया एशिया अस्पताल के पास बने फुटओवर ब्रिज के पास दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क में बारिश के चलते आई दरार
- लालकुआं के पास एनएच-9 को जोड़ने वाली एक्सप्रेस-वे की सड़क में आई दरार
-विजयनगर रोज वैली पब्लिक स्कूल के पास सड़क बीचों-बीच टूट गई है। दरारें भी आ गई हैं।
- एबीईएस कट के पास एक्सप्रेस-वे में दरार आ गई है।
- वेव सिटी के सामने भी एक्सप्रेस-वे में दरार आ गई है।
- बम्हैटा के लिए बने अंडर पास में पानी भर गया है।
- डासना के पास सड़क में दरार आने से यातायात प्रभावित हो रहा है।
- लालकुआं के पास बनाए गए लूप की सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
- साइकिल ट्रेक एवं फुटपाथ भी टूटने लगा है।
- बम्हैटा के पास सड़क किनारे ड्रेनेज होल बनाने का काम शुरू किया गया है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर बारिश के चलते आई दरारों की तकनीकी जांच के बाद भरने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रबंधक तकनीकी अरविद कुमार मय टीम के साइट पर पहुंचे और जल्द ही टूटी सड़क को ठीक करने का काम शुरू कर दिया गया है। अंडरपास में भरे पानी को निकाला जा रहा है। अगले दस दिनों में क्षतिग्रस्त एक्सप्रेस-वे के कुछ हिस्सों को ठीक कर दिया जाएगा। निर्माण कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
- मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक एनएचएआइ