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स्कूल ने डीएफआरसी के हिसाब से फीस लेने से किया इन्कार

वसुंधरा स्थित जयपुरिया स्कूल की फीस को लेकर अभिभावक शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय शिकायत करने पहुंचे। डीएम की गैर मौजूदगी में अभिभावकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को शिकायत कर आरोप लगाया कि जिला शुल्क नियामक समिति (डीएफआरसी) द्वारा तय की गई फीस लेने से इन्कार कर दिया है। इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट नेजिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) से फोन पर बात की। डीआइओएस ने सोमवार को डीएफआरसी की बैठक कर मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया। बैठक में विद्यालय प्रबंधक और अभिभावक को भी शामिल किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 09:13 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 09:13 PM (IST)
स्कूल ने डीएफआरसी के हिसाब से फीस लेने से किया इन्कार
स्कूल ने डीएफआरसी के हिसाब से फीस लेने से किया इन्कार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : वसुंधरा स्थित जयपुरिया स्कूल की फीस को लेकर अभिभावक शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय शिकायत करने पहुंचे। डीएम की गैरमौजूदगी में अभिभावकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को शिकायत कर आरोप लगाया कि जिला शुल्क नियामक समिति (डीएफआरसी) द्वारा तय की गई फीस लेने से इन्कार कर दिया है। इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट ने जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) से फोन पर बात की। डीआइओएस ने सोमवार को डीएफआरसी की बैठक कर मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया। बैठक में विद्यालय प्रबंधक और अभिभावक को भी शामिल किया जाएगा।

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जयपुरिया विद्यालय लगभग 150 अभिभावक स्कूल में डीएफआरसी के अनुसार 82,520 रुपये सालाना फीस जमा करने के लिए गए थे। स्कूल ने डीएफआरसी के हिसाब से फीस लेने से मना कर दिया। अभिभावकों का कहना है कि इस पर उन्होंने 24 दिसंबर को डीआइओएस की ओर से जारी पत्र विद्यालय प्रबंधन को दिखाया। इसके बाद भी विद्यालय प्रंबधन ने फीस जमा नहीं की तो सभी अभिभावक विद्यालय की शिकायत लेकर जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंचे। डीएम की गैर मौजूदगी में सिटी मजिस्ट्रेट ने शिकायत को सुनते हुए डीआइओएस से फोन पर बात की। जिला विद्यालय निरीक्षक रविदत्त शर्मा ने सोमवार को जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक कर मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया। बैठक में विद्यालय के प्रधानाचार्य और अभिभावकों को भी बुलाया जाएगा।

वहीं जयपुरिया स्कूल की प्रधानाचार्या मंजू राणा का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार स्कूल में फीस ली जा रही है। फिलहाल स्कूल का अवकाश है। ऐसे में फीस न ली जाने की बात गलत है। हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार ही स्कूल आगे की कार्रवाई जारी रखेगा।


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