अपना काम छोड़ दूसरों को सांसे दिलाने में जुटे विकास
शाहनवाज अली गाजियाबाद कोरोना संक्रमण काल में एक और जब आक्सीजन की जमाखोरी और कालाबाज
शाहनवाज अली, गाजियाबाद
कोरोना संक्रमण काल में एक और जब आक्सीजन की जमाखोरी और कालाबाजारी सिर चढ़कर बोल रही है। वहीं गाजियाबाद के उद्यमी विकास खंडेलवाल होम आइसोलेशन में चिकित्सकों की देखरेख में इलाज करा रहे संक्रमितों को अपनी इकाई के अलावा औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों से 20 से अधिक आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करा चुके हैं। वहीं पैसे न होने पर बीमार लोगों को दवाइयां भी उपलब्ध कराने में जुटे हैं।
संक्रमण की गति तेजी के साथ बढ़ी है, जिसके चलते संक्रमितों में आक्सीजन का स्तर तेजी के साथ घट रहा है। आलम यह है कि अस्पतालों में मरीजों के भर्ती करने के लिए बेड नहीं हैं। किन्हीं कारणों से इंतजाम हो भी जाए तो अधिकांश अस्पतालों की ओर से संक्रमितों के परिजनों से ही दवा और आक्सीजन का इंतजाम करने को कहा जा रहा है। ऐसे में संक्रमितों के परिजन आक्सीजन के लिए दूर-दराज और जहां-तहां से आक्सीजन लाने में जुटे हैं। ऐसे में शहर के उद्यमी विकास खंडेलवाल जरूरतमंदों के लिए आक्सीजन उपलब्ध कराने में जुटे हैं। उन्होंने अपनी इकाई में मौजूद कुछ सिलेंडर को संक्रमितों के परिजनों को देने के साथ ही दूसरी इकाइयों के उद्यमियों को भी इंसानियत का हवाला देते हुए इस कार्य में शामिल किया। अभी तक करीब 20 से ज्यादा लोगों को वह अपने स्तर से आक्सीजन उपलब्ध करा चुके हैं। इसके लिए वह अपनी इकाई के कामगारों को जरूरतमंदों तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे मरीजों के लिए दवाइयों का इंतजाम भी कराया है, जो आर्थिक तंगी के चलते दवा नहीं खरीद पा रहे हैं। इंसानी फर्ज के लिए कर रहे प्रेरित
यह मौका है कोरोना की जद से बाहर लोगों द्वारा संक्रमितों की जिदगी बचाने में योगदान देने का। इसी को इंसानी फर्ज मानते हुए बहुत से लोग अपनी ओर से तमाम तरह की कोशिशों में जुटे हैं। इन्हीं में एक विकास भी हैं, जो आक्सीजन और दवाइयों के अलावा दूसरे लोगों को भी इस काम में आगे आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। विकास खंडेलवाल का कहना है कि अपनी हैसियत के मुताबिक मुश्किल वक्त में लोगों की मदद करना ही इंसानियत का फर्ज है।