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प्रतिबंध के बावजूद बाजार में चोरी-चोरी बिक रहा 'मौत का मांझा'

शाहनवाज अली गाजियाबाद प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में चाइनीज यानी मौत का मांझा चोरी-चोरी ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 09:05 PM (IST)Updated: Sun, 15 Aug 2021 09:05 PM (IST)
प्रतिबंध के बावजूद बाजार में चोरी-चोरी बिक रहा 'मौत का मांझा'
प्रतिबंध के बावजूद बाजार में चोरी-चोरी बिक रहा 'मौत का मांझा'

शाहनवाज अली, गाजियाबाद

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प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में चाइनीज यानी 'मौत का मांझा' चोरी-चोरी बिक रहा है। शहर में पतंगों के बड़े बाजार दिल्ली गेट के कारोबारी सीधे पूछने पर मना करते हैं, लेकिन वह चोरी-छुपे चाइनीज मांझा बेच रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की भी बेरोकटोक खूब खरीद-फरोख्त हुई।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खूब पतंग उड़ी। इसके लिए स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पतंग, मांझा की खूब बिक्री हुई। इसके साथ वह भी हुआ, जिसका डर हमेशा बना रहता है। चाइनीज मांझे की चपेट में आने से दोपहिया सवार एक युवक लोनी क्षेत्र में घायल भी हुआ। समय पर दोपहिया वाहन के ब्रेक न लगते तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। बाजार की बात करें तो दुकानदारों से ग्राहक बनकर चीनी मांझा मांगा गया तो एक बार झिझकने के बाद उन्होंने अपने पास इसके न होने की बात कह दी। मार्केट में पतंग खरीदने आए विजयनगर निवासी राकेश ने बताया कि यहां सभी तरह के मांझे और पतंग आसानी से मिल जाती हैं। दुकानदार अपनी दुकान पर नहीं, बल्कि पीछे के हिस्से या छिपाकर रखे गए चाइनीज मांझे को उठाकर बेचते हैं।

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चीन से आयात नहीं, यहीं बन रहा प्रतिबंधित मांझा दिल्ली गेट पर पतंगों का कारोबार करने वाले एक दुकानदार ने बताया कि शुरुआत में चीनी मांझा चीन से आता था, लेकिन अब यहीं बनने लगा है। शुरुआत में यह खुलेआम बनाया जाता था, लेकिन पाबंदी लगने के बाद चोरी-छिपे बनाया जाता है। लोनी क्षेत्र में चीनी मांझा बनाए जाने की बात बताई।

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धागे वाले से चाइनीज मांझा सस्ता चीनी मांझे की तुलना में धागे वाला मांझा महंगा होता है। इसकी छह रील की चर्खी की शुरुआती कीमत एक हजार रुपये से अधिक है। इसमें करीब पांच हजार मीटर से अधिक मांझा होता है। वहीं, चीनी मांझा नायलान और प्लास्टिक मिक्स होता है, जो टूटने के बजाय खिचता है। इसका एक रोल सिर्फ 250 रुपये में आता है, जिसमें तीन हजार मीटर मांझा होता है। थोक के दुकानदारों को यह और भी सस्ता पड़ता है।

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स्वतंत्रता दिवस के लिए खूब हुई पतंगबाजी स्वतंत्रता दिवस पर पतंगबाजी खूब होती है। इसके लिए शनिवार की शाम तक दिल्ली गेट पर पतंग की दुकानों पर चाइनीज मांझे की खूब खरीदारी हुई। स्वतंत्रता दिवस पर बच्चे और युवाओं ने जमकर पतंगबाजी की। कई घटनाएं होने के बावजूद न तो लोग चाइनीज मांझा खरीदने से बाज नहीं आए। पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी यहां सिफर रही।

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एक कहावत है कि 'जान है तो जहान है' ऐसा कोई भी कृत्य करने से बचना चाहिए, जिससे मानव जाति या पक्षियों के जीवन को खतरा पैदा हो। आजकल चाइनीज मांझा पक्षी व इंसानों के लिए खतरा बना हुआ है। इससे बड़ी संख्या में कबूतर, बुलबुल और विलुप्तप्राय गौरैयों की अकाल मौत हो रही है। प्रभावी प्रतिबंध की तत्काल आवश्यकता है।

- निर्मल कुमार शर्मा, पर्यावरण व गोरैया संरक्षक

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युवाओं और बच्चों से अपील है कि सुरेश रैना और नीरज चोपड़ा जैसे जांबाज बनकर देश का नाम रोशन करें। पतंगबाजी से जीवन में सही रास्ता नहीं मिलेगा। चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाकर किसी की जिदगी से खिलवाड़ न करें। प्रशासन प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की बिक्री शहर में न होने दें। युवा खेल को चुनें और लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत करें।

- सागर कसाना, अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही


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