दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे:अंडर पास की दीवार और सर्विस लेन के बीच आई दरार
मदन पांचाल गाजियाबाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) के दूसरे चरण में महरौली के पास सवि
मदन पांचाल, गाजियाबाद : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) के दूसरे चरण में महरौली के पास सर्विस लेन और अंडरपास की दीवार के बीच दरार आ गई है। दरार के जरिये बारिश का पानी यदि सड़क में जाएगा तो सड़क के धंसने की संभावना है। इस दरार के पास ही सर्विस लेन का आधा हिस्सा धंसने लगा है। खास बात यह है कि दो दिन पहले एनएचएआइ के अफसरों ने साइट का दौरा कर दस फीट गहरा गड्ढा आनन-फानन में भर दिया लेकिन इसका भौतिक मुआयना नहीं किया। पता चला है कि यूपी गेट से डासना के बीच एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन में कई जगहों पर दरारें लगातार आ रही हैं। यह तब है जब निर्माण कंपनी की टीमें पूरे एक्सप्रेस-वे पर सड़क टूटने, दरार आने, पानी भरने और क्षतिग्रस्त हुए फुटपाथ का निरीक्षण करने के बाद ठीक करती रहती है।
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एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन और अंडरपास की दीवार के बीच दरार आना तकनीकी लापरवाही का परिणाम है। सड़क बनाने से पहले मानकों के अनुसार छह-छह अथवा एक-एक फीट तक मिट्टी डालने के बाद उसकी विधिवत कुटाई (प्रापर कंमपेक्शन) अनिवार्य है। इसकी तकनीकी जांच के बाद दूसरी लेयर पर मिट्टी डाली जाती है। बारिश का पानी सड़क में पहुंचने पर सेटलमेंट होता और सड़क धंसने लगती है। सड़क पर गाड़ी के ऊंचे-नीचे उछलने का मतलब भी मिट्टी की विधिवत कुटाई न होना है। वाहनों का बोझ बढ़ने पर सड़क की निचली लेयर का सेटलमेंट होता है। जल्दबाजी में सड़क बनाने के चक्कर में मिट्टी की ठीक से कुटाई नहीं की गई है। इसकी जांच जरूरी है।
- एसपी एस राघव, सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता
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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर महरौली गांव के सामने अंडरपास की दीवार और सर्विस लेन के बीच आई दरार का निरीक्षण किया है। कर्ब के निर्माण में सरिया का प्रयोग नहीं होता है। अत: कभी कभी यह कुछ स्थान पर जगह छोड़ देता है। दो अलग-अलग मैटेरियल के लगाने से यह संभावना रहती है। इसे जल्द ही ठीक किया जाएगा।
- मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक एनएचएआइ