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संदिग्ध हालात में छत से लटका मिला युवक का शव

संवाद सहयोगी मुरादनगरथाना क्षेत्र की बृजविहार कॉलोनी में रविवार दोपहर को एक युवक क

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:56 PM (IST)
संदिग्ध हालात में छत से लटका मिला युवक का शव
संदिग्ध हालात में छत से लटका मिला युवक का शव

संवाद सहयोगी, मुरादनगर:

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थाना क्षेत्र की बृजविहार कॉलोनी में रविवार दोपहर को एक युवक का शव संदिग्ध हालात में अपने कमरे की छत से लटका मिला। युवक के घर में गत कई दिनों से कोई नहीं है। तलाक व नौकरी छूटने के बाद मृतक अवसाद में चल रहा था। पुलिस प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का मान रही है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

नगर की बृजविहार कॉलोनी गली नंबर 11 में 28 वर्षीय तरुण त्यागी अपनी मां आंचल त्यागी के साथ रहता था। तरुण के पिता शिवराज त्यागी का देहांत हो चुका है और बहन गीतांजलि कॉलोनी की दूसरी गली में अपने परिवार के साथ रहती हैं। तरुण गुरुग्राम की एक कंपनी में काम करता था। तरुण का विवाह दो वर्ष पूर्व निकट की कॉलोनी निवासी युवती के साथ हुआ था, बाद में आपसी मनमुटाव के चलते गत वर्ष दोनों को तलाक हो गया।

लॉकडाउन के चलते कुछ माह पूर्व तरुण की नौकरी भी छूट गई थी। तलाक व बेरोजगारी की वजह से मृतक काफी समय से तनाव में चल रहा था। मृतक की मां 29 तारीख को रक्षाबंधन मनाने के लिए अपने मायके गई थीं। बीते कुछ दिनों से तरुण घर में अकेला था। रविवार दोपहर को तरुण के पड़ोसियों ने उसके जीजा अमित को सूचना दी कि तरुण घर में बंद है और घर से दुर्गंध आ रही है। अनिष्ट की आशंका से ग्रस्त जीजा तरुण के घर पहुंचे और दरवाजा तुड़वाया। दरवाजा टूटने पर तरुण को छत पर फंदे लटका पाया। जीजा ने इस बारे में पुलिस को खबर की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। थाना प्रभारी अमित कुमार का कहना है कि शव ही हालत देखकर लग रहा है कि मौत दो दिन पूर्व हो चुकी है। घटनास्थल को देखते हुए मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। वास्तविकता का पता जांच व पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आने के बाद चल सकेगा।

-रक्षाबंधन से एक दिन पहले खोया भाई

तरुण की बहन गीतांजलि जो सोमवार को अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की तैयारियों में जुटी हुई थी, रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व हुए नियति के आघात ने उसको तोड़कर रख दिया है। गीतांजलि का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। अपने भाई को याद करके गीतांजलि कई बार बेहोश हो गई। इसके साथ ही अपने बुढ़ापे का इकलौता सहारा गंवाने वाली तरुण की मां आंचल के विलाप ने प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों में भी आंसू ला दिए।


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