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क्रासिग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर व आरडब्लूए की रार पर लगाम

क्रांसिग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. और आरडब्लूए के बीच पिछले चार माह से मेंटेनेंस चार्ज को लेकर विवाद चल रहा था जो जीडीए की मध्यस्थता में सीआईपीएल प्रतिनिधि के साथ ही आरडब्ल्यूए और क्रोमा प्रतिनिधियों की बैठक के साथ समाप्त हो गया जिसमें क्रांसिग रिपब्लिक के इंटरनल वर्क कराने को चार सदस्यीय कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने पर सहमति बनी है। मंगलवार को जीडीए सभागार में आयोजित बैठक में क्रासिग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर व आरडब्लूए दोनों पक्षों की बातों को

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 09:35 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:05 AM (IST)
क्रासिग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर व आरडब्लूए की रार पर लगाम
क्रासिग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर व आरडब्लूए की रार पर लगाम

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : क्रांसिग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. और आरडब्लूए के बीच पिछले चार माह से मेंटेनेंस चार्ज को लेकर विवाद चल रहा था। जीडीए की मध्यस्थता में सीआईपीएल प्रतिनिधि के साथ ही आरडब्ल्यूए और क्रोमा प्रतिनिधियों की बैठक के साथ यह विवाद समाप्त हो गया। क्रांसिग रिपब्लिक के इंटरनल वर्क कराने को चार सदस्यीय कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने पर सहमति बनी है।

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मंगलवार को जीडीए सभागार में आयोजित बैठक में क्रासिग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर व आरडब्लूए दोनों पक्षों की बातों को ओएसडी सुशील कुमार चौबे ने सुना। इसमें बताया गया कि सोसाइटी के रेजीडेंट्स से दो तरह से मेंटेनेंस चार्ज वसूले जा रहे हैं। इनमें से एक सोसाइटी के अंदरूनी रखरखाव के लिए आरडब्ल्यूए या बिल्डर को दिया जाता है, जबकि सोसाइटी के बाहर के कार्यो के लिए सीआईपीएल को 30 पैसे प्रति फीट के हिसाब से रेजीडेंट्स को मेंटेनेंस चार्ज चुकाना पड़ता है। कुछ समय से इसकी सही से देखरेख नहीं हो पा रही थी, जिसकी वजह से 28 सोसाइटी के रेजीडेंट्स ने मेंटेनेंस चार्ज न देने का फैसला किया। इसे लेकर सीआईपीएल और क्रोमा के बीच चार माह से विवाद चल रहा था।

जीडीए में आयोजित बैठक में तय हुआ है कि क्रांसिग रिपब्लिक के इंटरनल वर्क को करवाने के लिए चार सदस्यीय कोआर्डिनेशन कमेटी बनेगी। इसमें जीडीए का असिस्टेंट इंजीनियर, क्रोमा सदस्य, फेडरेशन ऑफ एओए सदस्य और क्रासिग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. (सीआईपीएल) का प्रतिनिधि शामिल रहेगा। यह कार्य आरंभ होने के बाद उसकी साप्ताहिक समीक्षा करेगा। काम कराने की गति धीमी होने पर उसे गति प्रदान कराए जाने के लिए सीआईपीएल पर दबाव बनाया जा सकता है। इससे सोसाइटी के लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इस सहमति के साथ ही चले आ रहे विवाद का निबटारा हो गया।


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