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विजयनगर थाना प्रभारी समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश

ट्रोनिका सिटी थाने में हिरासत के दौरान महिला की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने विजय नगर थाना प्रभारी श्यामवीर, तत्कालीन एसआइ जितेंद्र चौहान व एक अन्य पुलिसकर्मी सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिया है। श्यामवीर उस समय ट्रोनिका सिटी थाना प्रभारी थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 10:18 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 10:18 PM (IST)
विजयनगर थाना प्रभारी समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश
विजयनगर थाना प्रभारी समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : ट्रॉनिका सिटी थाने में हिरासत के दौरान महिला की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने विजय नगर थाना प्रभारी श्यामवीर, तत्कालीन एसआइ जितेंद्र चौहान व एक अन्य पुलिसकर्मी सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिया है। श्यामवीर उस समय ट्रॉनिका सिटी थाना प्रभारी थे।

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वरिष्ठ अधिवक्ता खालिद खान ने बताया कि ट्रॉनिका सिटी थाना क्षेत्र के नौरसपुर निवासी मेनका त्यागी की मां सरिता को 13 मई 2018 को पूर्व थाना प्रभारी निरीक्षक श्यामवीर ¨सह, उपनिरीक्षक जितेंद्र चौहान ने नौरसपुर निवासी ललित की कार में राजेश्वर, उसका बेटा सन्नी व एक पुलिसकर्मी के साथ थाने में ले गए। आरोप है कि हवालात में बंदकर सरिता की पिटाई की, इससे उनकी कॉलरबोन व पसली की हड्डी टूट गई। इसके अलावा आंतरिक चोटें भी आई। पानी मांगने पर ललित अपनी कार से एक बोतल ले आया। जान से मारने की नियत से सरिता का हाथ-पैर बांध कर बोतल में भरा जहरीला पदार्थ इथाइल अल्कोहल पिला दिया। पिटाई व जहरीला पदार्थ पिलाने से सरिता की 14 मई को मौत हो गई। 16 मई को पोस्ट रिपोर्ट में शरीर पर नीला निशान, कॉलरबोन व तीसरी पसली में फ्रैक्चर, खून का जमाव और विसरा रिपोर्ट में भी जहर पाया गया। मृतका की बेटी मेनका ने अदालत को बताया कि ट्रॉनिका सिटी थाने व एसएसपी कार्यालय में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अदालत ने सभी आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि मृतका की मौत से पहले 12 घंटे तक पुलिस अभिरक्षा में होने के बावजूद विसरा रिपोर्ट में इथाइल अल्कोहल पाया जाना और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट पाया जाना साबित करता है कि अपराध की पुष्टि हुई है, इसलिए मुकदमा दर्ज विवेचना की जाए।


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