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सार्वजनिक परिवहन से लोग कर रहे किनारा

कोरोना का खौफ लोगों के जेहन से निकल ही नहीं रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 08:08 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 08:08 PM (IST)
सार्वजनिक परिवहन से लोग कर रहे किनारा
सार्वजनिक परिवहन से लोग कर रहे किनारा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कोरोना का खौफ लोगों के जेहन से निकल ही नहीं रहा है। अनलॉक में अधिकांश गतिविधियों में सशर्त छूट मिलने के बाद बाजार और सड़कों पर लोगों की भीड़ दिख रही है, लेकिन सार्वजनिक परिवहन से लोग अभी किनारा कर रहे हैं। सुरक्षा इंतजामों के बीच चल रही रोडवेज बसें अभी यात्रियों से खाली हैं। वहीं लोग निजी वाहनों व अपने दोपहिया पर सफर ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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कोरोना संक्रमण को देखते हुए अन्य गतिविधियों के साथ ही लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक परिवहन सेवा को बंद कर दिया गया था। अनलॉक में सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को भी सशर्त अनुमति दे दी। परिवहन निगम के बेड़े में अपनी बसों के अलावा अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क व सैनिटाइजेशन के बावजूद लोगों का बसों पर भरोसा नहीं है। सभी बसों में यात्रियों की कमी देखने को मिल रही है। पुराना बस अड्डा में रोडवेज के पास 55 अनुबंधित बसें हैं, जो मेरठ व बुलंदशहर के लिए हर 15 मिनट के अंतराल पर निकलती हैं, वह अब सवारियों का इंतजार कर एक घंटे में निकल रही हैं, जिसमें 52 यात्रियों की सीटिग भी पूरी नहीं हो पा रही है। कमोबेश सार्वजनिक परिवहन का यही हाल है कि ढूंढे यात्री नहीं मिल रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में लोग बसों से किनारा कर निजी वाहनों व दोपहिया पर सफर ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।

पुराना बस स्टैंड पर 55 अनुबंधित बसें हैं, जो बुलंदशहर व मेरठ के लिए निकलती हैं। प्रतिदिन यात्री लेकर करीब 400 किमी दौड़ने वाली प्रत्येक बसों का अब बामुश्किल 100 किमी का ही एवरेज आ रहा है। सुबह 5.30 बजे से सैनिटाइज होकर मेरठ व बुलंदशहर के लिए निकलती हैं। अभी यात्री कम आ रहे हैं, जिसके चलते चक्कर आधा से एक घंटे में लग रहा है। सवारी भी कम ही निकल रही हैं। बसों के पूरे चक्कर भी नहीं हो पा रहे, जो घटकर 25 प्रतिशत रह गए हैं। थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क व सैनिटाइजेशन के जरिये यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

- नरेंद्र कुमार, एआरएम पुराना रोडवेज बस अड्डा लॉकडाउन के दौरान मिली छूट में लोग अपने वाहन से ही सफर को ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं। हमारे पास पहले के मुकाबले ज्यादा इन्क्वायरी आ रही हैं। लोग फाइनेंस को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। बिक्री में भी बढ़ोतरी हो रही है।

- नागेश मिश्रा, डायरेक्टर वैभव सुजुकी हम जून 2019 की बात करें तो मौजूदा साल जून 2020 में इकोनॉमिकल बाइक की बिक्री में 22 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। लोगों से बात करने पर पता चला है कि वह कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बसों से बेहतर अपनी बाइक में सफर करना पसंद कर रहे हैं।

- प्रमोद गर्ग, डायरेक्टर जीएस मोटर्स


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