Move to Jagran APP

आसान नहीं है आबादी क्षेत्र में कब्जामुक्ति

जागरण संवाददातामोदीनगरमोदीनगर के आबादी क्षेत्र में रैपिड रेल निर्माण कार्य शुरू कर पाना

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 07:10 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 07:10 PM (IST)
आसान नहीं है आबादी क्षेत्र में कब्जामुक्ति
आसान नहीं है आबादी क्षेत्र में कब्जामुक्ति

जागरण संवाददाता,मोदीनगर:

loksabha election banner

मोदीनगर के आबादी क्षेत्र में रैपिड रेल निर्माण कार्य शुरू कर पाना एनसीआरटीसी के लिए इतना आसान नहीं है। काम शुरू करने से पहले एनसीआरटीसी को सड़क चौड़ीकरण करना है, लेकिन कई सरकारी दफ्तरों और बड़े प्रतिष्ठानों के लोक निर्माण विभाग की जमीन में बने होने के कारण काम शुरू करने में सबसे बड़ी बाधा है। जिस तरह का रवैया कब्जेदारों का है, उससे आने वाले कुछ महीनों में भी काम शुरू होने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

ज्ञात हो कि दिल्ली-मेरठ हाईवे स्थित डिवाइडर के मध्य से दोनों तरफ 60-60 फीट जमीन लोक निर्माण विभाग की है। आबादी के बाहर तो एनसीआरटीसी को जमीन पर आसानी से कब्जा मिल गया और उन्होंने सड़क के मध्य जमीन पर कब्जा लेकर अपना काम शुरू करा दिया। इसके अलावा तीसरी लेन बनाकर राहगीरों को चलने के लिए दे दी, लेकिन मोदीनगर के आबादी क्षेत्र में न तो एनसीआरटीसी को अभी तक कब्जा मिल सका है और न ही सड़क चौड़ीकरण हो पाया है। दरअसल, मोदी मंदिर से लेकर राज चौपले तक दोनों तरफ कई बड़े प्रतिष्ठान और दुकान लोक निर्माण विभाग की जमीन में अवैध कब्जा कर बनाए गए हैं। यहां तक कि मोदीनगर थाना और डाकघर का अगला हिस्सा भी लोक निर्माण विभाग की जमीन में ही बने हुए हैं। लोक निर्माण विभाग ने कब्जेदारों को जमीन से कब्जा छोड़ने के लिए सालों पहले नोटिस तो दिए थे, लेकिन कब्जेदारों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। हालत यह हो गई कि जमीन अब तक भी कब्जामुक्त नहीं हो सकी। जो रवैया कब्जेदारों का है, उससे लगता भी नहीं कि वे आसानी से जमीन का कब्जा छोड़ने वाले भी हैं। यही वजह है कि एनसीआरटीसी को काम शुरू करने में भी दिक्कत आ रही है। इसी के चलते पिछले दिनों एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने एसडीएम के साथ बैठक कर इस मामले में उनसे सहयोग भी मांगा था।

-जल निगम भी बड़ा रोड़ा:

जल निगम मोदीनगर के आबादी क्षेत्र में सीवरेज पाइपलाइन डालने का काम कर रहा है। जगह-जगह उनके द्वारा मेनहाल बनाने के लिए सेफ्टी वाल लगा दी गई है। काफी दूरी में मलबा, मशीनरी खड़ी कर दी गई है। एक स्थान पर ही सालों से काम चल रहा है। निर्धारित समयावधि में काम पूरा करने को लेकर जल निगम के अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। इसी के चलते एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने एसडीएम को जल निगम की कार्यशैली से अवगत कराया था। एसडीएम ने जल निगम के अधिकारियों को इसके लिए कड़े निर्देश भी दिए हैं।

इस बारे में एसडीएम आदित्य प्रजापति का कहना है कि लोक निर्माण विभाग की जमीन को कब्जामुक्त कराने की प्रक्रिया में जल्द ही तेजी आएगी। इसके लिए व्यापक योजना तैयार की गई है। जल निगम के अधिकारियों को भी निर्धारित समय के अंदर ही काम पूरा करने को कहा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.