Move to Jagran APP

पैसे लिए और काम पूरा नहीं, अब होगी वसूली

जागरण संवाददाता गाजियाबाद डूंडाहेडा में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के मरम्मत कार्य

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:00 PM (IST)
पैसे लिए और काम पूरा नहीं, अब होगी वसूली
पैसे लिए और काम पूरा नहीं, अब होगी वसूली

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : डूंडाहेडा में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के मरम्मत कार्य में लापरवाही का आरोप लगने के बाद नगर आयुक्त द्वारा कराई जा रही जांच की रिपोर्ट सोमवार को सार्वजनिक की गई। इसमें एसटीपी की मरम्मत में लापरवाही की पुष्टि हुई है। अब नगर निगम द्वारा कार्यदायी संस्था को मरम्मत के लिए दिए गए 6.39 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी। इस संबंध में एक पत्र भी शासन को भेजकर पूरे मामले से अवगत करवाया जाएगा।

loksabha election banner

भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने तीन सितंबर 2020 को डूंडाहेड़ा में एसटीपी की मरम्मत के कार्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। इस मामले में शासन, महापौर आशा शर्मा और नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। इसके बाद नगर आयुक्त ने इस मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। कमेटी ने नौ नवंबर को रिपोर्ट सौंपी।

2013 में बनाया गया था प्रस्ताव :

19 सितंबर 2013 को 13वें वित्त आयोग की बैठक में सीवर व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए डूंडाहेड़ा में 70 एमएलडी के एसटीपी के रिएक्टरों के कार्य का प्रस्ताव दिया गया। मंडलायुक्त ने यह कार्य 6.40 करोड़ रुपये में कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश जल निगम से कराने के लिए स्वीकृति दी। 13 मार्च 2014 को कार्यदायी संस्था को कार्य के लिए 6,39,66,000 रुपये एडवांस दे दिए गए। आरोप है कि कार्यदायी संस्था ने कार्य पूरा नहीं किया। इस संबंध में लगातार पत्राचार भी किया गया। 2017 में भी उजागर हो गई थी लापरवाही:

10 नवंबर 2017 को तत्कालीन नगर आयुक्त के निर्देश पर जलकल के महाप्रबंधक और अधिशासी अभियंता ने एसटीपी का निरीक्षण किया। इस दौरान रिएक्टर, गैस यूटीलाइलेशन सिस्टम के क्रियाशील न होने की जानकारी हुई। इसकी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंपी गई। इसके बाद महापौर ने भी कार्यदायी संस्था को कार्य पूरा करने के निर्देश दिए लेकिन कार्य पूरा नहीं कराया गया। शासन द्वारा 16 दिसंबर 2019 को वन सिटी वन ऑपरेटर के तहत एसटीपी के संचालन की जिम्मेदारी चेन्नई की कंपनी मैसर्स वीएटैक वबाग लिमिटेड को सौंप दी गई है।

डूंडाहेड़ा में एसटीपी की मरम्मत का कार्य पूरा नहीं करवाया गया है। इसलिए उत्तर प्रदेश जल निगम को पत्र लिखकर मरम्मत के लिए दी गई रकम वापस मांगी जाएगी। इस मामले में नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही सामने नहीं आई है, क्योंकि पूर्व में लगातार पत्राचार किया जाता रहा है।

- महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.