सौर ऊर्जा मार्ग पर बसें चलाने के खिलाफ शिकायत
जागरण सवाददाता साहिबाबाद कौशांबी में यातायात प्रबंधन के लिए तैयार योजना में बसों को साहिब
जागरण सवाददाता, साहिबाबाद :
कौशांबी में यातायात प्रबंधन के लिए तैयार योजना में बसों को साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट चार के सौर ऊर्जा मार्ग से संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसके खिलाफ कड़कड़ माडल निवासी सुशील राघव ने जिलाधिकारी समेत कई विभागों में शिकायत की है। उन्होंने इस मार्ग से बसों का संचालन न करने की मांग की है।
कौशांबी में जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे पर कौशांबी अपार्टमेंट्स रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कारवा) के अध्यक्ष वीके मित्तल ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। प्रशासन पर एनजीटी के आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए कारवा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई विभागों ने मिलकर कौशांबी में यातायात प्रबंधन के लिए योजना तैयार की है। इसमें कौशांबी डिपो की डॉ. बर्मन रोड की तरफ का गेट बंद करने और बसों का संचालन साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट- 4 के सौर ऊर्जा मार्ग से करने का निर्णय लिया गया है। वहीं, कौशांबी डिपो के सामने खड़े होने वाले आटो व ई-रिक्शा के लिए सौर ऊर्जा मार्ग पर खाली प्लाट में पार्किंग भी बनाई जानी है। बढ़ जाएगा औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण : कड़कड़ माडल निवासी सुशील राघव का कहना है कि साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 में 2200 फैक्ट्रियां हैं। कारवा की याचिका में कहा गया है कि औद्योगिक क्षेत्र के कारण कौशांबी प्रदूषित हो रहा है। औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही बहुत ज्यादा प्रदूषित है। इस प्रदूषण को छिपाने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने प्रदूषण मापक यंत्र यहां नहीं लगाया है। औद्योगिक क्षेत्र के कड़कड़ माडल, झंडापुर, महाराजपुर व साहिबाबाद में करीब सात लाख की आबादी रहती है। अब औद्योगिक क्षेत्र के एकमात्र रास्ते सौर ऊर्जा मार्ग पर एक हजार से अधिक बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। इससे यहां पर यातायात जाम लगने के साथ प्रदूषण भी बढ़ जाएगा। कौशांबी डिपो को हटाने की मांग : कौशांबी बस डिपो की जमीन इंडस्ट्री चलाने के लिए थी। आरोप है कि गलत तरीके से यहां पर बस डिपो का संचालन हो रहा है। इस डिपो को यहां से हटाना चाहिए। सुशील कुमार ने अपनी मांगों को लेकर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, यूपी एसआरटीसी, मेरठ मंडलायुक्त, गाजियाबाद जिलाधिकारी, नगर निगम, जीडीए, एनसीआर प्लानिग बोर्ड समेत अन्य विभागों को पत्र लिखा है।