अर्थला की जमीन कब्जाने के मामले में हुई सुनवाई
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अर्थला में 52 हेक्टेयर जमीन कब्जाने के मामले में बुधवार को सीबीआइ के
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
अर्थला में 52 हेक्टेयर जमीन कब्जाने के मामले में बुधवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश राजेश चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई। मामले में आरोपित संजीव तिवारी अदालत में पेश हुआ। इस मामले के मुख्य आरोपित मोती गोयल की मौत हो चुकी है। गत अप्रैल में नोएडा में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने दलीलें पेश की। मामले में सुनवाई को अगली तारीख 25 मई नियत की गई है। यह जानकारी लोक अभियोजक ने दी।
उन्होंने बताया कि अर्थला गांव के रकबे की करीब 52 हेक्टेयर सरकारी जमीन मोती गोयल ने साथियों व सरकारी कर्मचारियों की मदद से मिलकर कब्जाई थी। उसने राजस्व रिकार्ड में वर्ष 1950 से अर्थला गांव की उपरोक्त सरकारी जमीन फर्जी तरीके से अपने पूर्वजों के नाम दर्ज कराई। आरोप था कि जमीन पर मालिकाना हक साबित करने के फर्जी लगान की रसीद बनवाने के लिए दबाव भी बनाया। वर्ष 2005 में गाजियाबाद के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा जमीन की कीमत 520 करोड़ रुपये आंकी गई थी। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर मामला सीबीआइ के सुपुर्द हुआ। आरोप था कि मोती गोयल ने संजीव तिवारी की मदद व कुछ सरकारी कर्मचारियों से साठगांठ कर जमीन राजस्व रिकार्ड में पूर्वजों के नाम कराई। जांच के दौरान सीबीआइ को पता चला कि मोती गोयल न तो अर्थला का निवासी था न यहां कभी काम किया व यहां उसके या परिजनों के नाम कभी कोई जमीन नहीं थी।