एओए पदाधिकारियों और निवासियों पर केस दर्ज
जागरण संवाददाता इंदिरापुरम शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसायटी में रखरखाव को लेकर चल रहे विव
जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम: शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसायटी में रखरखाव को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। पूर्व में रखरखाव देख रही कंपनी की ओर से एओए पदाधिकारी व स्थानीय निवासियों के खिलाफ हत्या का प्रयास, लूट, धोखाधड़ी सहित 15 धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई है।
यह है मामला: शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसायटी के छोटे-छोटे मुद्दों को लेकर एओए और रखरखाव देखने वाली कंपनी के कर्मचारियों के बीच विवाद चल रहा था। दो जनवरी को सुविधाओं के अभाव में सोसायटी के लोगों ने रखरखाव देखने वाली कंपनी के कर्मचारियों और बिल्डर के खिलाफ विरोध प्रकट किया था। इस दौरान लोगों ने रखरखाव कार्यलय पर ताला लगा दिया था। सुरक्षाकर्मियों को भी सोसायटी में नहीं घुसने दिया था। तीन जनवरी को इंदिरापुरम थाना में सिटी मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्राधिकारी और थाना प्रभारी निरीक्षक की मौजूदगी में दोनों पक्षों की बैठक हुई थी। लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सभी के समक्ष रखा गया था। जिस पर एओए के पक्ष में फैसला लिया गया था।
दर्ज कराई रिपोर्ट: रखरखाव देने वाली कंपनी के प्रोपराइटर मनोज वर्मा ने दो जनवरी को हुई घटना के संबंध में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। एओए पदाधिकारियों व स्थानीय निवासियों पर हत्या का प्रयास, लूट, धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए। न्यायालय के आदेश पर शनिवार को एओए सचिव अरुण राय, मोहित मित्तल, प्रिया विष्ट, ऋचा अग्रवाल, सीएस नेगी, सारिका अहूजा, संदीप अरोड़ा व 20 से 40 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। इंदिरापुरम थाना प्रभारी निरीक्षक संजीव शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
वेतन दिलाने की मांग: शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसायटी में तैनात रहे सुरक्षाकर्मियों ने वेतन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए सोमवार को इंदिरापुरम पुलिस से शिकायत की। सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि दिसंबर से दो जनवरी तक का उन्हें वेतन नहीं मिला है। सुरक्षाकर्मियों ने नीति खंड पुलिस चौकी के सामने प्रदर्शन भी किया। एओए पदाधिकारियों व स्थानीय निवासियों पर लगाए गए सभी आरोप गलत व निराधार हैं। मामला पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में है।
- अरूण राय, सचिव, एओए, शिप्रा कृष्णा विस्टा