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ब्लड बैंकों में पड़ा सूखा तो रक्तदाताओं ने खून से भर दी बोतले

जागरण संवाददाता साहिबाबाद आज विश्व रक्तदाता दिवस है। कोरोना का प्रकोप बढ़ने के साथ ही अस्

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 07:43 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 07:43 PM (IST)
ब्लड बैंकों में पड़ा सूखा तो रक्तदाताओं ने खून से भर दी बोतले
ब्लड बैंकों में पड़ा सूखा तो रक्तदाताओं ने खून से भर दी बोतले

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: आज विश्व रक्तदाता दिवस है। कोरोना का प्रकोप बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में मरीजों को जब रक्त की कमी पड़ी तो बड़ी संख्या में रक्तदाताओं ने घर से बाहर निकलकर रक्तदान किया। रक्तदान कर बोतले खून से भर दी, जिससे मरीजों के लिए अस्पतालों में खून की कमी न होने पाए। आइएमए वेस्ट गाजियाबाद के अध्यक्ष और वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल के फिजिशियन डॉ. पीएन चौधरी का कहना है कि रक्तदान महादान है। इसकी वजह से रक्तदाता को कोई परेशानी नहीं होती है। अक्सर कई लोग इसी डर के कारण रक्तदान करने में कतराते हैं, ऐसे लोगों को जागरूक होना चाहिए। जिससे अस्पतालों में खून की कमी की समस्या न होने पाए, मरीजों को समय पर ही खून मिल जाए और उनकी जान बच सके। कोरोना काल में कई मरीजों को खून की कमी हुई है। ऐसे मरीजों को होती है जरूरत: चिकित्सक डॉ. पीएन चौधरी ने बताया कि अस्पतालों में ब्लड की जरूरत अक्सर होती है। ब्लड कैंसर, थैलीसीमिया के मरीजों को खासतौर पर रक्त की आवश्यकता होती है। ऐसे में रक्तदाता रक्तदान कर इन मरीजों की जान बचाते हैं। इस समय कोरोना का खतरा बढ़ गया है, ऐसे में रक्तदाता रक्तदान करने से बच रहे हैं। चिकित्सक का कहना है कि नॉन कोविड अस्पताल में जाकर रक्तदाता रक्तदान कर सकते हैं, वहां पर संक्रमण से बचाव के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। इसके अलावा प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर भी लगाया जाता है, जिससे अस्पतालों में मरीजों के लिए खून की कमी न होने पाए।

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परिचर्चा

कोरोना के प्रकोप के बीच रक्तदान शिविर का आयोजन कर आरएसएस के कार्यकर्ताओं द्वारा 716 यूनिट ब्लड दान दिया जा चुका है। इसके लिए ट्रांस हिडन में अलग जगह कैंप लगाए गए है, जहां रक्तदाताओं ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए रक्तदान किया। इस दौरान मैंने भी रक्तदान किया है, जरूरत पड़ने पर आगे भी रक्तदान करने के लिए तैयार हूं - राम वरुण, विभाग कार्यवाहक, आरएसएस गाजियाबाद

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मैं आठ-दस बार रक्तदान कर चुका हूं। कोरोना के समय में भी एक मरीज को खून की आवश्यकता थी तो यशोदा अस्पताल में खून देने के लिए गया था। मैं अपने दोस्तों को भी रक्तदान के लिए जागरूक करता हूं, जिससे खून की कमी के कारण किसी मरीज को अपनी जान न गंवानी पड़े।

- विश्वास कुंते, रक्तदाता

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रक्तदान करने से रक्तदाता को कोई नुकसान नहीं होता है। मैं और मेरी पत्नी डॉक्टर हैं, हम दोनों ने भी लॉकडाउन के दौरान रक्तदान किया है। पहले भी कई बार रक्तदान कर चुके हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। खून की कमी से मरीजों की मौत न हो, इसके लिए रक्तदान करना चाहिए।

- डॉ. युवराज शर्मा, अवंतिका अस्पताल


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