स्वस्थ रहने में मददगार होगा भुजंगासन
भुजंगासन को सर्पासन भी कहा जाता है। ये सांप के उठे हुए फन के जैसे दिखता है। यह सूर्य नमस्क
भुजंगासन को सर्पासन भी कहा जाता है। ये सांप के उठे हुए फन के जैसे दिखता है। यह सूर्य नमस्कार आसन का एक हिस्सा है। भुजंगासन को अष्टांग योग में बेसिक स्तर का आसन माना जाता है। इस आसन को करने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है। मधुमेह को कम करने में मददगार है साथ ही शरीर को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा कमर दर्द को कम करने के साथ स्त्री रोगों में काफी राहत प्रदान करता है। तनाव मुक्त रहने के लिए भी इस आसन को किया जा सकता है। आसन को करने के लिए सुबह खुले वातावरण में आसन बिछाकर सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। अब अपनी हथेली को कंधे के सीध में लाएं। दोनों के पैरों के बीच में दूरी को कम करें और पैरों को सीधा हुआ और तना हुआ रखें। अब सांस लेते हुए शरीर के अगले भाग को नाभि तक उठाएं। आसन के दौरान कमर पर ज्यादा खिचाव न आए। योगाभ्यास के दौरान सांस को धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस को छोड़े। अपनी क्षमता के हिसाब से इसी आसन में बने रहें। इसके बाद गहरी सांस को छोड़ते हुए आराम से पूर्वावस्था में लौटें। इस तरह से एक चक्र पूरा होता है। शुरुआत में इस चक्र को तीन से पांच बार कर सकते हैं। इसके बाद चक्रों की गिनती क्षमतानुसार बढ़ा सकते हैं।
- राजकुमार, योग शिक्षक एवं प्रधानाचार्य प्राथमिक विद्यालय कविनगर