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1,119 करोड़ रुपये का मूल बजट पेश किया

जागरण संवाददाता गाजियाबाद नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2021

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 07:24 PM (IST)
1,119 करोड़ रुपये का मूल बजट पेश किया
1,119 करोड़ रुपये का मूल बजट पेश किया

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 1,119 करोड़ रुपये का मूल बजट पेश किया है। जो वित्तीय वर्ष 2020-21 से 282 करोड़ रुपये ज्यादा है। इस बार सार्वजनिक निर्माण पर 197 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य विभाग व नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर 133 करोड़ रुपये खर्च करना प्रस्तावित किया गया है। यानी की शहर में सड़कों के निर्माण के साथ ही साफ-सफाई पर विशेष जोर देकर लोगों की सेहत सुधारने की तैयारी है। कार्यकारिणी की बैठक में पास किए गए मूल बजट को अब बोर्ड बैठक में सदन के सामने ले जाया जाएगा। जहां इस पर अंतिम मोहर लगेगी।

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लक्ष्य तक पहुंचना चुनौती: शहर में मूल बजट के अनुरूप विकास कार्य कराना चुनौती होगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में शहर में विकास कार्य के लिए 971 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी की गई थी, लेकिन कोरोना के कारण विकास कार्यो पर असर पड़ा और 31 जनवरी तक विकास पर 433 करोड़ ही खर्च किए जा सके। 2020-21 से पूर्व में भी लक्ष्य के अनुरूप विकास पर खर्च नहीं किया जा सका। ऐसे में इस वर्ष प्रस्तावित व्यय 971 करोड़ रुपये से घटाकर 829 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि 2021-22 में विकास कार्य तेजी से कराने की तैयारी है। कार्यकारिणी की बैठक सुबह 11 बजे से शाम तक चली। बैठक में महापौर आशा शर्मा, नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर, नगर निगम कार्यकारिणी के अध्यक्ष अभिषेक चौधरी, कार्यकारिणी की सदस्य और सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

प्रस्तावित व्यय का सार

मद खर्च

सार्वजनिक निर्माण 197 करोड़ रुपये

जल संभरण एवं निस्तारण 83.55 करोड़ रुपये

प्रकाश विभाग 23.90 करोड़ रुपये

स्वास्थ्य विभाग 133 करोड़ रुपये

उद्यान विभाग 31.50 करोड़ रुपये

शिक्षा, खेल-कूद 4.97 करोड़ रुपये

संपत्ति एवं प्रवर्तन विभाग 2.30 करोड़ रुपये

विधि विभाग 2 करोड़ रुपये

सामान्य प्रशासन, नजारत 2 करोड़ रुपये

ऋणों का भुगतान 20 करोड़ रुपये

शासकीय अनुदान एवं अन्य मदों से कार्य 328 करोड़ रुपये

परिचर्चा

प्रस्तावित बजट के अनुरूप ही कार्य होने चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि बजट निर्धारित कर दिया जाता है लेकिन उस मद पर प्रस्तावित बजट के अनुसार कार्य नहीं किया जाता है। महज 60-70 फीसद ही खर्च किया जाता है। - राजेंद्र त्यागी, पार्षद बयान

नगर निगम द्वारा मूल बजट बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। आंकड़ों के बजाय विकास कार्यो पर ध्यान दिया जाना चाहिए। - मनोज चौधरी, पार्षद


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