पूर्व पार्षद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
जागरण संवाददाता गाजियाबाद फर्जीवाड़ा कर नगर निगम की करोड़ों रुपये कीमत की जमीन बेचने
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : फर्जीवाड़ा कर नगर निगम की करोड़ों रुपये कीमत की जमीन बेचने के आरोपित पूर्व पार्षद ओम त्यागी की अग्रिम जमानत अर्जी शुक्रवार को जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने खारिज कर दी।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश शर्मा ने बताया कि नगर निगम की जमीन बेचने के मामले में गत 13 अक्टूबर को डीएम गाजियाबाद की सहमति से एक कमेटी बनी थी। कमेटी ने जांच में पाया कि पूर्व पार्षद ओम त्यागी, सूरज पासवान, रजनीश चौधरी, बृजेश त्यागी, इंदु त्यागी, बबीता शर्मा, महेश शर्मा, इंद्रपाल आदि ने गिरोहबंद तरीके से साजिश के तहत ग्राम सिहानी में नगर निगम की करोड़ों की जमीन बेची। मामले में नगर निगम के संपत्ति अधीक्षक भोलानाथ गौतम ने नंदग्राम थाने में उपरोक्त सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। पूर्व पार्षद ओम त्यागी ने अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम जमानत अर्जी दायर कर कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है। मेयर आशा शर्मा के पति केके शर्मा पिछले काफी समय से उससे रंजिश मानते आ रहे हैं जिस कारण समय-समय पर उसके विरूद्ध झूठे मुकदमे स्वयं व अन्य लोगों से मिलकर करा देते हैं। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की फिराक में है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर समाज में उसकी छवि धूमिल होगी। जिला शासकीय अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत देने का विरोध करते हुए अदालत में दलील दी कि समिति की जांच रिपोर्ट से साफ है कि ओम त्यागी ने सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर नगर निगम की करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन बेची। अपराध गंभीर है। इसीलिए अग्रिम जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने का निर्णय लिया।