विधानसभा चुनाव: 11 साल में नहीं बना फ्लाईओवर, सफेद हाथी बन कर खडे़ पिलर
अजय सक्सेना लोनी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सी
अजय सक्सेना, लोनी : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। इनमें गाजियाबाद, बागपत और शामली भी शामिल हैं। न केवल गाजियाबाद के लोनी बल्कि बागपत और शामली जिलों के बाशिदे देश की राजधानी जाने के लिए दिल्ली-सहारनपुर रोड से गुजरते हैं। आते-जाते लोगों की नजर रोड के बीच खड़े अधूरे फ्लाईओवर पर पड़ती है। विकास की बाट जोह रही लोनी की जनता ने विधानसभा चुनाव में अधूरे विकास को ध्यान में रख कर वोट देने का मन बना रही है। क्या था प्रोजेक्ट : बसपा सरकार ने वर्ष 2011 में दिल्ली सहारनपुर स्टेट हाईवे को लोनी बार्डर से उत्तराखंड सीमा तक चार लेन बनाने का टेंडर छोड़ा था। एक कंपनी को 207 किलोमीटर लंबे इस रोड का टेंडर 1617 करोड़ रुपये में दिया गया। टेंडर में लोनी बार्डर से 5.29 किलोमीटर का फ्लाई ओवर भी शामिल था। कंपनी को सौ फीट चौड़ी रोड पर रिहायशी इलाके में आरसीसी के नाले बनाने थे। मैप के मुताबिक रोड पर तीन टोल प्लाजा बनाए जाने थे। कंपनी को 900 दिन में प्रोजेक्ट पूरा करना था लेकिन काम अभी तक अधर में पड़ा है। हजारों लोग होते लाभांवित
लोगों का मानना है कि यदि यह रोड बन गया होता तो न केवल लोनी बल्कि सहारनपुर तक के हजारों लोगों को फायदा पहुंचता। सहारनपुर से लोग कुछ ही समय में दिल्ली पहुंच जाते। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लोगों को न केवल दिल्ली के बेहतर अस्पतालों में आसानी से इलाज मिलता बल्कि दिल्ली में आवाजाही बेहतर होने पर बागपत, शामली आदि जिलों के लोगों के कारोबार भी बढ़ोतरी होती। फ्लाईओवर बन गया होता तो भारी वाहन शहर में नहीं जाते, जिससे लोनी तिराहे पर लगने वाले जाम से निजात मिल जाती। नेशनल हाईवे लोनी बार्डर से उत्तराखंड सीमा तक जाना था लेकिन खजूरी पुश्ता रोड से नेशनल हाईवे 907 बनने से क्षेत्रवासी स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। करोड़ों का घोटाला : आरोप है कि कंपनी ने 148 करोड़ की लागत लगाकर 13 प्रतिशत काम किया। जिसके बाद बैंक अधिकारियों से सांठ-गांठ कर 603 करोड़ रुपये का भुगतान करवा लिया। उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे नवनीत सहगल के निर्देश पर परियोजना महाप्रबंधक शिव कुमार ने 20 फरवरी 2017 को 14 बैंकों और कंपनी के अधिकारियों पर 455 करोड़ रुपये के गबन का को आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। प्राधिकरण ने वर्ष 2020 में एक कंपनी को पिलर तोड़ने के लिए 4.75 करोड़ और 2.82 करोड़ रुपये का टेंडर सड़क बनने का छोड़ा था। मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते यह काम भी नहीं हो सका है। क्या कहते हैं लोग : लोनी में आधा अधूरा विकास नहीं चाहिए। क्षेत्र का चहुंमुखी विकास कराने वाले प्रत्याशी को मतदान करेंगे। जिससे क्षेत्र की छवि बेहतर हो सके। साथ ही लोगों को मूल भूत सुविधाओं से वंचित न रहना पड़े। - कपिल मलिक, इंद्रापुरी कालोनी लोनी सरकार को अधूरे फ्लाईओवर का कार्य पूरा कराना चाहिए। इसके पूरे होने से लोनी में लगने वाला जाम समाप्त हो जाएगा। क्षेत्र की उन्नति पर काम करने वाले प्रत्याशी को वोट करेंगे। - अफसर सैफी, अशोक विहार लोनी