आविप की अरबों रुपये की भूमि पर झुग्गी और दुकान बनाकर किया कब्जा
जागरण संवाददाता गाजियाबाद इंदिरापुमर थाने के पास आविप (आवास-विकास परिषद) की भूमि पर
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : इंदिरापुमर थाने के पास आविप (आवास-विकास परिषद) की भूमि पर बड़ी संख्या में फर्नीचर की दुकानें और झुग्गियां बस गई हैं। बाकायदा दुकानदारों ने पक्का निर्माण करा लिया है। दुकानों और झुग्गियों में अवैध रूप से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। चार दिन पहले आविप की टीम पर वसुंधरा सेक्टर नौ स्थित भूमि को खाली कराते समय लोगों ने हमला कर दिया था। इंदिरापुरम थाने के पास आविप की खाली भूमि पर सड़क के किनारे फर्नीचर की दुकानें खुल गई हैं। लगातार झुग्गियों की संख्या बढ़ रही है। झुग्गी वाले सड़क पर गंदगी फैला देते हैं। नगर निगम ने गंदगी से परेशान होकर आविप को पत्र लिखकर झुग्गी हटाने के लिए कहा था। बिजली विभाग के अफसरों से मिली भगत कर बिना मीटर के इनको बिजली आपूर्ति की जा रही है। हर माह ये लोग बिजली जलाने का प्रति झुग्गी 500 रुपये देते हैं। पहले इनको आविप अपनी भूमि पर बसने की छूट देता है और जब मेरठ या लखनऊ से आला अफसरों का दबाव बनता है तोड़ने के लिए बुलडोजर लेकर पहुंच जाते हैं।
पहले नहीं होती कार्रवाई : कब्जा करने वालों पर नजर रखें और अतिक्रमण होते ही उसे रोक दे तो अधिकारी लोगों के विरोध से बचे रहें। पहले कब्जा करने की छूट दी जाती है फिर उसे तोड़ने जाते हैं तो लोग उग्र हो जाते हैं। इसका खामियाजा आविप की टीम के साथ पुलिस को भी उठाना पड़ता है। कई बार लोग उग्र हो जाते हैं और पुलिस पर भी पथराव कर देते हैं।
झुग्गी वालों से होती है अवैध वसूली : झुग्गी वालों का कहना है कि उनसे हर माह 500 रुपये प्रति झुग्गी का किराया लिया जाता है। पैसे नहीं देने पर एक व्यक्ति वीडियो बना लेता है और उसे तुड़वाने की धमकी देता है। लोग डर की वजह से पैसे दे देते हैं। इसी तरह दुकानदार भी दुकान लगाने का किराया देते हैं। किराये के बारे में इन लोगों से मुंह बंद रखने के लिए कहा जाता है, जिस वजह से झुग्गी वाले किसी से किराया लेने का जिक्र नहीं करते। यही वजह से इन लोगों को नोटिस मिलने के बाद भी अपनी झुग्गी टूटने का डर नहीं है। वसुंधरा में आवास विकास परिषद की जमीन पर हुए कब्जों की शिकायत मिली है। जल्द ही इन सभी पर अभियान चलाकर अतिक्रमण को हटाया जाएगा। सेक्टर सात और आठ पर अगले सप्ताह कार्रवाई की जाएगी।- उमानाथ शुक्ला, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड एक