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किराये के दो सौ रुपये मांगने पर की ऑटो चालक की हत्या

घटना का अनावरण करने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली पुलिस टीम को 15 हजार रुपये का इनाम दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 09:34 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:08 AM (IST)
किराये के दो सौ रुपये मांगने पर की ऑटो चालक की हत्या
किराये के दो सौ रुपये मांगने पर की ऑटो चालक की हत्या

संवाद सहयोगी, लोनी : कोतवाली पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार कर डेढ माह पूर्व क्षेत्र की अशोक विहार कॉलोनी में हुई ऑटो चालक की हत्या की घटना से पर्दाफाश किया है। बदमाशों ने ऑटो चालक की हत्या किराये के दो सौ रुपये मांगने पर की थी। घटना का अनावरण करने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली पुलिस टीम को 15 हजार रुपये का इनाम दिया है।

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क्या था मामला : 17 जून को अशोक विहार कॉलोनी के पीछे बंद पड़ी मीट फैक्ट्री के पास युवक का शव बरामद मिला था। शव के पास दिल्ली नंबर का ऑटो मिला था। ऑटो के नंबर से मृतक की शिनाख्त मोनुद्दीन (38) निवासी तीन पुश्ता उस्मानपुर दिल्ली के रूप में हुई थी। मृतक के स्वजन ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर हत्यारों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी थी। दो बदमाशों को किया गिरफ्तार

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बिजेंद्र सिंह भड़ाना ने बताया कि घटना से पर्दाफाश करने के लिए दो टीमों का गठन किया गया था। साथ ही डॉग स्क्वॉयड और सर्विलांस की मदद ली गई थी, लेकिन कुछ अहम सुराग हाथ नहीं लग सके। इसके बाद मुखबिरों को घटना के पीछे छिपे कारणों का पता लगाने को कहा गया। एक मुखबिर ने दो नशेड़ियों द्वारा किराया देने को विवाद होने पर हत्या होने की जानकारी दी। पुलिस ने 50 से अधिक नशेड़ियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन सफलता नहीं मिली। जांच के दौरान पता चला कि 19 जुलाई से अशोक विहार कॉलोनी निवासी दो युवकों के फरार हैं। मुखबिर को उनके आने पर सूचना देने के निर्देश दिए गए थे। दो दिन पूर्व दोनों युवक बकरीद बनाने के लिए लोनी पहुंचे। घटना से उठा पर्दा : कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार रात करीब सवा नौ बजे दोनों युवकों को अशोक विहार कॉलोनी से खन्ना नगर जाने वाले रास्ते से दोनों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम आफताब और मोनू उर्फ शेर खान निवासी अशोक विहार कॉलोनी लोनी बताए। दोनों ने घटना से अनभिज्ञता जताई। सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि आफताब की मां उस्मान दिल्ली में रहती थीं। दोनों 17 जून को मां से रुपये लेने गए थे, लेकिन मां के न मिलने पर रुपये नहीं मिल सके। दोनों के पास जो रुपये थे। वह दोनों ने गांजे और स्मैक का नशा करने में खर्च कर दिए। घर आने के लिए दोनों ने 200 रुपये में ऑटो बुक कर लिया। अशोक विहार कॉलोनी पहुंचने पर ऑटो चालक ने उनसे रुपये मांगे। दोनों वहां से भागने का प्रयास करने लगे तो ऑटो चालक ने मोनू को पकड़ लिया। आफताब ने उसे छुड़ाने के लिए चाकू से गोदकर ऑटो चालक की हत्या कर दी। बाद में दोनों मौके से फरार हो गए। हत्या में प्रयुक्त छुरे को झाड़ियों में फेंक दिया। सर्विलांस से नहीं मिली मदद

कोतवाली प्रभारी ने बताया कि ऑटो चालक और दोनों बदमाश मोबाइल नहीं चलाते थे। जिसके कारण सर्विंलांस से मदद नहीं मिल सकी। वारदात को अंजाम देने के बाद आफताब बिजनौर और मोनू हरियाणा फरार हो गए। पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों बदमाशों को जेल भेज दिया है।


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