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जलधन सहेजने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी करेगा देश का पहला ग्रीन बांड

जासं गाजियाबाद नगर निगम ने 8.10 फीसद ब्याज दर पर दस साल के लिए 150 करोड़ रुपये का देश क

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 09:03 PM (IST)
जलधन सहेजने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी करेगा देश का पहला ग्रीन बांड
जलधन सहेजने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी करेगा देश का पहला ग्रीन बांड

जासं, गाजियाबाद : नगर निगम ने 8.10 फीसद ब्याज दर पर दस साल के लिए 150 करोड़ रुपये का देश का पहला ग्रीन बांड जारी किया है। यह बृहस्पतिवार को बीएसई एक्सचेंज पर सूचीबद्ध हुआ। लिस्टिग सेरेमनी दिल्ली स्थित ओबेरॉय होटल में की गई। इस ग्रीन बांड से साइट-4 साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में प्रतिदिन 40 लाख लीटर भूजल दोहन पर रोक लगेगी और पर्यावरण संरक्षण के लिए लगाए जाने वाले पौधे सिचित किए जाएंगे।

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नगर निगम ने पानी की आपूर्ति से संबंधित विभिन्न लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से साहिबाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ एक समझौता किया है। पूंजी को आंशिक रूप से स्थानीय सीवेज और जल उपचार संयंत्र के उपयोग के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसकी लागत 239.33 करोड़ रुपये है। इसके लिए गाजियाबाद नगर निगम ने निजी प्लेसमेंट के आधार पर बीएसई के बांड प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए म्युनिसिपल बांड के माध्यम से 150 करोड़ रुपये जुटाए। इस करयोग्य बांड की कूपन दर 8.1 फीसद प्रतिवर्ष तय की गई है। इसलिए पड़ी जरूरत:

साइट-4 साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में 1,706 औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें प्रतिदिन 40 लाख लीटर पानी की आवश्यकता औद्योगिक कार्य के लिए होती है। इसकी पूर्ति के लिए भूजल दोहन किया जाता है। इससे रोजाना यहां पर 40 लाख लीटर पानी जलधन में से खत्म हो रहा है। गाजियाबाद में औसतन दो-चार मीटर भू-गर्भ जलस्तर प्रत्येक साल नीचे जा रहा है, जो चिता का विषय है। इस कारण कई स्थानों पर अब भूजल दोहन पर पाबंदी लगाई गई है। ऐसे में औद्योगिक इकाइयों के सामने परेशानी खड़ी हो रही थी। इसके समाधान के लिए नगर निगम ने योजना बनाई है। ऐसे होगा कार्य:

नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि बांड द्वारा जुटाई गई धनराशि से नगर निगम द्वारा इंदिरापुरम में 56 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी ) के पास ही 40 एमएलडी का टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) लगाया जाएगा। एसटीपी में शोधित किए जाने वाले इंदिरापुरम और मोहननगर जोन के गंदे पानी में से 40 लाख लीटर पानी दोबारा शोधित करने के लिए टीएसटीपी में लाया जाएगा। यहां पर शोधित किए गए पानी में सीओडी की मात्रा पांच से कम होगी, तब यह पानी औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल करने लायक बन जाएगा। इसके बाद इंदिरापुरम में ही एक यूडब्ल्यूआर बनाया जाएगा। यहां से पाइपलाइन बिछाकर साइट-4 साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में ले ले जाई जाएगी। वहां पर एक पानी की टंकी बनाई जाएगी। इसमें टीएसटीपी से यूडब्ल्यूआर के रास्ते पाइप के जरिये पानी पहुंचाया जाएगा। इस पानी की टंकी से ही फिर एक मुख्य पाइपलाइन और ब्रांच पाइपलाइन के जरिये औद्योगिक इकाइयों में पानी पहुंचाया जाएगा। इस पानी का इस्तेमाल सिर्फ औद्योगिक कार्य के लिए किया जाएगा, पीने के लिए नहीं। ऐसा होने पर औद्योगिक इकाइयों में भूजल दोहन पर रोक लग जाएगी और गंदे पानी का सदुपयोग किया जा सकेगा। इस कार्य को पूरा होने में करीब ढाई साल का समय लगेगा। औद्योगिक इकाइयों को पानी देने की एवज में उनसे शुल्क लिया जाएगा। इससे ही इस प्रोजेक्ट में आने वाले खर्च की भरपाई की जाएगी। लिस्टिग सेरेमनी में मौजूद रहे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के मंत्री:

लिस्टिग सेरेमनी में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह , उत्तर प्रदेश सरकार में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे, महापौर आशा शर्मा, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सीइओ आशीष चौहान, नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर मौजूद रहे। :::::::::

गाजियाबाद विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। सड़क , परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भी दिल्ली को विभिन्न शहरों को जोड़ने के लिए जो कार्य कर रहा है, उसमें गाजियाबाद एक केंद्र बिदु बनके उभर रहा है।

- वीके सिंह, केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग राज्यमंत्री। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उत्तर प्रदेश नया इतिहास बना रहा है। एक तरफ कानून व्यवस्था सु²ढ़ हुई है तो दूसरी तरफ निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। लखनऊ के बाद गाजियाबाद ने अपना म्युनिसिपल बांड जारी किया है।

-आशुतोष टंडन, नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश ।


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