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कोरोना की जंग जीतकर लौटा घर का चिराग तो मां ने राह में बिछाए फूल

धनंजय वर्मा साहिबाबाद घर मां के होने से पूरा होता है। घर के किसी भी सदस्य पर विपदा आ

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 10:05 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 10:05 PM (IST)
कोरोना की जंग जीतकर लौटा घर का चिराग तो मां ने राह में बिछाए फूल
कोरोना की जंग जीतकर लौटा घर का चिराग तो मां ने राह में बिछाए फूल

धनंजय वर्मा, साहिबाबाद :

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घर मां के होने से पूरा होता है। घर के किसी भी सदस्य पर विपदा आ जाए तो मां अपना सुख-दुख भूलकर साथ खड़ी रहती है। इंदिरापुरम ज्ञान खंड-चार की रहने वाली सुखराज खन्ना का बेटा, बहू और पति कोरोना संक्रमित हो गए। उन्होंने खुद की सुरक्षा करते हुए सबकी सेवा की। बहू और पति ठीक हो गए लेकिन उनके बेटे शिवम ने कई दिन तक अस्पताल में जिदगी और मौत की जंग लड़ी। बेटे के अस्पताल से घर आने की खबर सुनते ही सुखराज खन्ना ने पूरी बिल्डिंग को सैनिटाइज कराने के साथ ही राहों को फूलों से सजा दिया। मानों शबरी के घर प्रभु श्रीराम आ रहे हों।

सुखराज खन्ना ज्ञान खंड- चार स्थित ग्रीन पार्क लेन में अपने पति सुनील खन्ना, बेटे शिवम और बहू श्रुति के साथ रहती हैं। बीते 16 अप्रैल को उनका परिवार कोरोना संक्रमित हो गया। जांच कराई तो बेटे, बहू और पति की रिपोर्ट पाजिटिव आई। सभी घर में आइसोलेट हो गए। सुखराज अकेली पड़ गई। घरेलू सहायिका ने भी आना बंद कर दिया। खुद को संक्रमण से बचाते हुए उन्होंने अकेले पूरा परिवार संभाला। वह शुगर, थायराइड व अन्य बीमारी से परेशान हैं लेकिन सुखराज अपना दर्द भूल गई। उनकी देखरेख से बहू और पति ठीक हो रहे थे लेकिन उनके बेटे की हालत गंभीर होती गई। शरीर में आक्सीजन का स्तर गिरता गया। कहीं भी आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल रहा था। मुसीबत में कुछ सूझ नहीं रहा था फिर भी हिम्मत नहीं हारी। बेटे का हौसला बढ़ाया। इंदिरापुरम गुरुद्वारे पर बेटे के लिए आक्सीजन की व्यवस्था कराई। लोगों से मदद मांगकर बेटे को नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सुखराज खन्ना ने दिन रात बेटे के ठीक होने की प्रार्थना की।

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बेटे के साथ घर में लौटी खुशी : सुखराज को बीते बृहस्पतिवार को पता चला कि उनका बेटा ठीक हो गया है। शाम को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। इस पर सुखराज की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। उन्होंने आनलाइन कंपनी से पूरी बिल्डिंग व गाड़ी सैनिटाइज कराई। फूल मालाएं मंगवाई। इसके बाद उन्होंने घंटों की मेहनत कर घर और सीढि़यों को फूलों से सजाया। बिल्डिंग की सीढि़यों पर फूल बिछा दिए। देर शाम बेटा घर पहुंचा। हाथों में पूजा की थाली लिए खड़ी सुखराज की आंखों में बेटे को देखते ही खुशी के आंसू छलक आए। उन्होंने बेटे का तिलक कर स्वागत किया और कहा कि हे प्रभु जल्द इस कोरोना का संकट कटे। वहीं, बेटे शिवम की भी आंखों से मां का इतना प्यार देख आंसू छलक उठे।


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