नहीं हो रहा देखभाल तो अधिकारी रखेंगे बच्चों का खयाल
जागरण संवाददाता गाजियाबाद प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना काल में कराए गए सर्वे
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना काल में कराए गए सर्वे में जिले के 878 बच्चे अतिकुपोषित पाए गए हैं। सर्वे में पाया गया है कि शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक 462 अति कुपोषित बच्चे हैं। कुल बच्चों में 354 बालक और 524 बालिकाएं हैं। खानपान और देखभाल के अभाव में कई लड़कियां शारीरिक रूप से बेहद कमजोर पाई गई हैं। सर्वे की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी ने इन बच्चों को रेड कार्ड जारी करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि उक्त बच्चों की सेहत में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास किया जाए। नजदीकी अस्पतालों में इनकी नियमित जांच की जाए। कुछ अफसर और जनप्रतिनिधि ऐसे बच्चों को गोद भी लेंगे।
----
5,836 बच्चे मिले अंडरवेट
जिले के 5,836 बच्चे अंडर वेट मिले हैं। सर्वे के दौरान लोनी में 2,850, नगर निगम क्षेत्र में 1,298, रजापुर में 945, भोजपुर में 420 और मुरादनगर में 323 बच्चे अंडरवेट पाए गए हैं। ऐसे सभी बच्चों और उनके माता-पिता को येलो कार्ड दिया गया है। इनकी सेहत की निगरानी की जाएगी। शहरी क्षेत्रों में कई बच्चे शारीरिक रूप से बहुत कमजोर मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 462 अतिकुपोषित बच्चों में 262 लड़कियां और 200 लड़के हैं। रजापुर में 146 में से 115 लड़कियां और 31 लड़के शामिल हैं। मुरादनगर में 14 लड़के और 21 लड़कियां, लोनी में 61 लड़के और 75 लड़कियां और भोजपुर ब्लाक में 48 लड़के और 51 लड़कियां अति कुपोषित पाई गई हैं।
----
अतिकुपोषित बच्चों की सूची संबंधित सरकारी अस्पतालों के अधीक्षकों को भेजते हुए तुरंत उपचार शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत इन बच्चों को रेड कार्ड से ग्रीन कार्ड की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा इन बच्चों को अस्पतालों में नियमित जांच एवं उपचार के लिए लाया जाएगा। आशा और एएनएम भी इनकी सेहत में सुधार के लिए लगाई गई हैं। मिशन शक्ति अभियान से जोड़कर अति कुपोषित लड़कियों के बेहतर खानपान का इंतजाम भी कराया जाएगा।
- डॉ. एनके गुप्ता, सीएमओ