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आशियाना पाकर खिले चेहरे

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत शुक्रवार को पहली बार ड्रॉ कराया गया। जीडीए ने कविनगर स्थित सामुदायिक भवन में इस योजना के तहत मधुबन-बापूधाम में बने

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 08:54 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 08:54 PM (IST)
आशियाना पाकर खिले चेहरे
आशियाना पाकर खिले चेहरे

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत शुक्रवार को पहली बार ड्रॉ कराया गया। जीडीए ने कविनगर स्थित सामुदायिक भवन में इस योजना के तहत मधुबन-बापूधाम में बने 856 फ्लैट ड्रॉ के जरिए आवंटित किए। ड्रॉ में 3893 पत्रों के नाम की पर्चियां पिटारे में डाली गईं। जिन लोगों के नाम की पर्ची निकली, उनमें से किसी के चेहरे पर मुस्कान तो कुछ की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। जिनका नाम नहीं पुकारा गया उनको मायूसी हाथ लगी। देर शाम ड्रॉ की प्रक्रिया पूरी हुई।

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जीडीए ने इन फ्लैटों के लिए तीन लाख रुपये तक पारिवारिक आय वाले व्यक्तियों से वर्ष 2018 में आवेदन मांगे थे। 7003 लोगों ने आवेदन किए। इन आवेदनों का जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) से सत्यापन कराया गया। पहली बार 22 जून 2019 को ड्रॉ प्रस्तावित किया गया था। लेकिन तत्कालीन डीएम रितु माहेश्वरी ने पात्र सूची में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए आवेदनों की दोबारा जांच कराने का निर्देश दिया था। इस जांच में छह माह का वक्त लग गया। उसके बाद हाल में दूसरी पात्र आवेदकों की सूची जारी की गई। उसमें 3895 पात्र आवेदकों के नाम शामिल थे। जीडीए ने इस सूची को जारी कर आपत्तियां मांगी। जीडीए बोर्ड सदस्य पार्षद हिमांशु मित्तल ने आपत्ति जताई कि पात्र सूची में गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर के लोगों को शामिल किया गया है। इन आपत्तियों को निस्तारित करने के बाद 3893 पात्र आवेदकों की फाइनल सूची बनाई गई। उस सूची के आधार पर शुक्रवार को ड्रॉ के जरिए आवंटन किया गया। सबको फ्लैट नंबर दिए गए। डीएम के प्रतिनिधि के रूप में एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव, जीडीए वीसी के प्रतिनिधि के तौर पर अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, शासन के प्रतिनिधि के रूप में जीडीए के वित्त नियंत्रक सुबेदार सिंह, पीओ डूडा पवन कुमार शर्मा और जीडीए ओएसडी संजय कुमार की निगरानी में ड्रॉ कराया गया। अधिकारियों के देरी के आने की वजह से ड्रॉ लेट शुरू हुआ था। जिससे पात्रों को इंतजार करना पड़ा। 85 अतिरिक्त पात्र चुने

ड्रॉ के माध्यम से 85 अतिरिक्त पात्र आवेदकों को चुना गया, लेकिन उनको कोई फ्लैट आवंटित नहीं किए गए। जीडीए के ओएसडी संजय कुमार ने बताया कि अतिरिक्त पात्रों का ड्रॉ शासन के प्रावधान के तहत कराया गया है। फ्लैट की संख्या के दस प्रतिशत अतिरिक्त पात्रों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि ड्रॉ के बाद यदि कोई आपत्ति है। उस पर आवंटी की जांच कराई जाती है और उसमें आरोप सही पाए जाते हैं तो अतिरिक्त चयनित पात्रों को फ्लैट दिया जाएगा।

अनुसूचित वर्ग में मुकाबल रहा कड़ा

मधुबन-बापूधाम में बना फ्लैट पाने के लिए मुकाबला कड़ा था। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 180 फ्लैट के लिए 1347 पात्र थे। यानी इस वर्ग के एक फ्लैट के पर सात से ज्यादा लोगों का दावा था। अनुसूचित जनजाति के 35 पात्रों में से 17 को फ्लैट मिला। अन्य पिछड़ा वर्ग के 1205 पात्रों में से 231 को घर मिला। सामान्य वर्ग के 1306 पात्र आवेदकों में से 428 फ्लैट के मालिक बने। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि ड्रॉ की पारदर्शिता बनाने के लिए पात्रों के बीच से लोगों को बुलाकर पर्ची उठवाई गई। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। उसे तत्काल स्क्रीन पर डिसप्ले भी कराया गया।


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