Move to Jagran APP

24 घंटे में 594 लोगों ने कोरोना को दी मात

जागरण संवाददाता गाजियाबाद बुधवार को 24 घंटे में 594 लोगों ने कोरोना को मात दी है। इनमें

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 07:36 PM (IST)
24 घंटे में 594 लोगों ने कोरोना को दी मात
24 घंटे में 594 लोगों ने कोरोना को दी मात

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: बुधवार को 24 घंटे में 594 लोगों ने कोरोना को मात दी है। इनमें से 332 लोग घर रहकर मात्र सात से आठ दिनों में स्वस्थ हुए हैं। ठीक होने वालों में 33 बुजुर्ग भी शामिल हैं। आठ दिनों में करीब चार हजार लोगों ने कोरोना को हराकर नया रिकार्ड बनाया है। मंगलवार को भी 1,123 लोग स्वस्थ हुए थे। 559 नए संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 37,479 पर पहुंच गई है। स्वस्थ होने वालों की संख्या 31,834 हो गई है। सक्रिय केसों की संख्या 5,467 हैं। बुधवार को 12 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की मौत की संख्या 177 पर पहुंच गई है।

loksabha election banner

-----

बिना पैक किए बच्चों को सौंपा संक्रमित का शव

विजयनगर स्थित त्रिपाठी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। प्रताप विहार निवासी गजराज सिंह को संक्रमित होने के बाद चार दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उनकी मृत्यु हो गई। अस्पताल द्वारा बिना पैक किए शव को खुला ही मृतक के बच्चों को सौंप दिया। बच्चे रोते-बिलखते शव लेकर घर पहुंच गए। बाद में रिश्तेदारों ने अस्पताल प्रबंधन को फोन करके शव वाहन की मांग की, लेकिन तीन घंटे तक कोई नहीं पहुंचा। पीसीएस अफसर जागरतन आर्य ने इसकी शिकायत विजयनगर पुलिस से कर दी। तुरंत शव को पैक करके अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव वाहन के जरिए हिडन मोक्ष स्थली तक पहुंचाया। विजयनगर में तीन संक्रमितों की मौत अस्पतालों में आक्सीजन न मिलने की वजह से हुई है।

--------

किसी ने नहीं देखा, रुक गई सांस

अब चिकित्सक एवं फार्मासिस्ट भी मानवीय संवेदनाओं को भूलकर काम कर रहे हैं। मंगलवार देर रात को जिला एमएमजी अस्पताल में 46 वर्षीय अखिलेश चंद को लेकर उसका बेटा अंकित इमरजेंसी में पहुंचा। भर्ती करने के बाद उसकी एंटीजन जांच कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। उसके बाद पूरी रात किसी चिकित्सक ने मरीज को उपचार देना तो दूर उसके पास जाना तक मुनासिब नहीं समझा। बेटा बार-बार चिकित्सकों से गुहार लगाता रहा है कि उसके पिता को आक्सीजन लगा दो। किसी ने एक नहीं सुनी। सुबह को डा. डीके वर्मा एवं फार्मासिस्ट संजय शर्मा ड्यूटी पर थे, लेकिन मरीज को देखने के नाम पर गायब हो गए। यदि मरीज को आक्सीजन लगा दिया गया होता तो वह बच सकता था। उधर सीएमएस डा.अनुराग भार्गव का कहना है कि नान कोविड अस्पताल में संक्रमित का उपचार संभव नहीं है। इमरजेंसी में रोज दो से तीन संक्रमितों की मौत उपचार न मिलने के चलते हो रही है। मारपीट की रिपोर्ट दर्ज

कोरोना जांच रिपोर्ट मांगने को लेकर जिला एमएमजी अस्पताल में हुई मारपीट की एफआइआर दर्ज हो गई है। पुलिस ने आरोपी को पकड़ने का प्रयास तेज कर दिया है। लैब टेक्नीशियनों ने पुलिस को एक दिन का समय दिया है। सीनियर लैब टेक्नीशियन अभिनव ने बताया कि जांच रिपोर्ट देने में विलंब होने पर लैब टेक्नीशियन भुवनेश अत्री के साथ जांच बूथ पर मारपीट की गई। आरोपी विकास के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद बुधवार को कोरोना जांच का कार्य जारी रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.