हादसा तीन: शहर में 58 नाले खतरनाक, नहीं सुरक्षा के इंतजाम
जागरण संवाददाता गाजियाबाद शहर में 58 खतरनाक नाले हैं जो खुले पड़े हैं। सबसे ज्यादा खतर
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : शहर में 58 खतरनाक नाले हैं, जो खुले पड़े हैं। सबसे ज्यादा खतरा कैला भट्ठा में है। यहां आबादी के बीच से नाला गुजर रहा है। बीते वर्षों में खुले नालों में गिरने से कई बच्चों की मौत हो चुकी है। उन हादसों के बावजूद नगर निगम ने नालों को जाल से नहीं ढकवाया। अधिकारी केवल बांस की बल्लियां लगाकर जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा रहे हैं। मास्टर ड्रेनेज प्लान अधूरा
पूरे शहर का मास्टर ड्रेनेज प्लान तैयार करने का निर्णय हुआ था। इस प्लान को बनाने के लिए ही नगर निगम ने खतरनाक नालों की सूची बनाई थी। इसके लिए ऐसे नाले चिह्नित किए गए, जो घनी आबादी के बीच गुजर रहे हैं। तय हुआ था कि चरणबद्ध तरीके से मास्टर ड्रेनेज प्लान पर काम करते हुए नालों की जल निकासी की समस्या को दूर किया जाएगा। जहां दीवार खड़ी करने से सुरक्षा की जा सकती है, इंतजाम किया जाएगा। जिन नालों पर आरसीसी लेंटर या जाली डालने की जरूरत है, वहां वैसा किया जाएगा।
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नालों में डूबने से हुए हादसे - फरवरी 2013 में शहीद नगर में चार वर्षीय समीर की मौत
- फरवरी 2014 में मुरादनगर में चार साल के अमन की जान गई
- मार्च 2014 में कौशांबी में ढाई साल के युवराज की मौत हुई
- 20 जनवरी 2017 में खन्ना नगर कालोनी के छह वर्षीय कासिम की मौत
- मार्च 2017 में चमन कालोनी के पास ढाई साल का उजैर नाले में गिरा
- जून 2017 में सुदामापुरी में छह साल की नगमा की मौत
- 11 मार्च 2018 में गुलजार कालोनी में चार वर्षीय आहिल की मौत
- 13 मार्च 2018 चमन कालोनी में नाले में गिर कर अयान की मौत
- तीन दिसंबर 2018 मलिक नगर कालोनी में समीर साद (3) की मौत
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खुले नालों के आसपास बांस की बल्लियां लगाकर बैरिकेडिग कर दी गई है। स्थायी सुरक्षा इंतजाम करने में वक्त लगेगा। प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। फंड की स्वीकृति नहीं मिली है।
- मोइनुद्दीन, मुख्य अभियंता, नगर निगम