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'पटरी' पर लौटेगा 532 रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वालों का व्यापार

जागरण संवाददाता गाजियाबाद सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वाले पथ विक्रेताओं

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 07:55 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 07:55 PM (IST)
'पटरी' पर लौटेगा 532 रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वालों 
का व्यापार
'पटरी' पर लौटेगा 532 रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वालों का व्यापार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :

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सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वाले पथ विक्रेताओं का व्यापार जल्द 'पटरी' पर आएगा। प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत 532 पथ विक्रेताओं को दस हजार रुपये का लोन मिल गया है। हालांकि, लोन मिलने की गति धीमी है। जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) में अब तक 3250 पथ विक्रेता आवेदन कर चुके हैं। उनमें से 2312 फीडिग ऑनलाइन पोर्टल पर कर दी गई है। डूडा अधिकारियों की माने तो बैंक की तरफ से आ रही दिक्कतों के कारण लोन स्वीकृति की गति धीमी है।

ब्याज पर सात प्रतिशत अनुदान

इस निधि के तहत बैंक, गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों और माइक्रो वित्त संस्थाओं से पथ विक्रेताओं को लोन दिलाया जा रहा है। एक साल में पथ विक्रेताओं को लोन की रकम लौटनी है। इसके लिए मासिक किस्तें तय की गई हैं। लोन पर जो ब्याज निर्धारित होगा, उसमें सात प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। यानी पथ विक्रेता पर ब्याज के कारण आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

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डिजिटल लेन-देन पर मिलेगा कैशबैक

लोन ले चुके पथ विक्रेताओं को डिजिटल लेन-देन करना होगा। इससे उन्हें ही फायदा है। पथ विक्रेता को एक माह में शुरुआती 50 डिजिटल लेन-देन पर 50 रुपये कैशबैक मिलेगा। 100 बार लेन-देन करने पर 75 रुपये कैशबैक मिलेगा। इसके बाद प्रत्येक 100 डिजिटल लेन-देन पर 25 रुपये के हिसाब से कैशबैक मिलता रहेगा।

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23 हजार 262 पथ विक्रेता

नगर निगम सीमा में 23 हजार 262 पथ विक्रेता हैं, जो इस योजना के दायरे में आते हैं। इस लेन-देन के आधार पर उनका क्रेडिट स्कोर बनेगा। जिससे पथ विक्रेताओं को भविष्य में बैंकों से ज्यादा राशि का ऋण लेने में मदद मिलेगी। जिन विक्रेताओं ने पथ विक्रेता के रूप में अपना पंजीकरण नहीं कराया है, वह अब भी अपना नाम डूडा जाकर दर्ज करा सकते हैं। उसके बाद लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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बड़े बैंक लोन देने में पीछे

पथ विक्रेताओं को लोन देने में बड़े बैंक पीछे हैं। उन्हें गारंटी चाहिए होती है। गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों और माइक्रो वित्त संस्थाओं ने ही ज्यादातर लोन स्वीकृत किए हैं। जिला प्रशासन ने बैंकों को इस प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत आवेदनों पर लोन स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं।

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532 पथ विक्रेताओं का लोन स्वीकृत हुआ है। व्यापार पटरी पर लाने के लिए पथ विक्रेताओं को मदद मिलने लगी है। जल्द बाकी आवेदकों को भी लोन स्वीकृत होने की उम्मीद है।

- पवन कुमार शर्मा, परियोजना अधिकारी, डूडा


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