43 नए संक्रमित मिले, 91 की हुई छुट्टी
जागरण संवाददाता गाजियाबाद जिले में मंगलवार को दो बुजुर्गों समेत केवल 44 नए कोरोना संक्रमित
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिले में मंगलवार को दो बुजुर्गों समेत केवल 44 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। बुजुर्गों को कोविड एल-3 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक गर्भवती महिला और दस साल के बच्चे को संक्रमित होने पर कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। 91 संक्रमितों ने कोरोना को हराया है। इनकी कोविड अस्पताल और होम आइसोलेशन से छुट्टी कर दी गई है। जिले में स्वस्थ होने वालों की संख्या 19,421 हो गई है। सक्रिय मरीजों की संख्या 1,233 है। जिले में अब तक 20,742 संक्रमितों के सापेक्ष 19,421 स्वस्थ हो चुके हैं। जिले में कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा 88 हो गया है। मंगलवार को 3,260 व्यक्तियों की जांच की गई। अब तक कुल 4,92,638 लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है।
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ओपीडी में उमड़ी भीड़, डेढ़ हजार मरीज पहुंचे
तीन दिन की छुट्टी के बाद जिला एमएमजी अस्पताल खुलने पर मंगलवार को ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड पड़ी। रिकार्ड के अनुसार कुल 1585 मरीज पहुंचे। सीएमएस डा. अनुराग भार्गव ने बताया कि इनमें बुखार के 567, खांसी और जुकाम के 435 मरीज शामिल हैं। सांस के सौ से अधिक रोगी भी जांच कराने पहुंचे। ओपीडी में आने वाले करीब तीन सौ मरीजों की कोविड जांच भी कराई गई। पेट, त्वचा और हड्डी रोग से ग्रसित मरीज भी पहुंचे।
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लैब में जांच की संख्या पहुंची 24 हजार पर
जिला एमएमजी अस्पताल में संचालित आरटी-पीसीआर लैब में अब रोज पांच सौ से अधिक सैंपलों की जांच की जा रही है। 15 अगस्त को चालू हुई लैब में मंगलवार तक कुल 24,137 लोगों की जांच हो चुकी है। लैब से जांच रिपोर्ट दूसरे दिन मिल जाती है। एसएमस के जरिए रिपोर्ट मोबाइल पर भी भेजी जा रही है। लैब में रोज एक हजार सैंपलों की जांच किए जाने की कवायद चल रही है। अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की जा रही है। जिले के बीस जांच बूथों से आने वाले सैंपलों में से अधिकांश नोएडा भेजे जा रहे हैं।
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सक्रिय केस कम, अस्पतालों के बेड फुल
जिले में कोरोना के सक्रिय केसों की संख्या 1,233 है लेकिन दो दिन के भीतर गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। निजी कोविड अस्पतालों में आइसीयू बेड खाली नहीं है। संतोष अस्पताल में संचालित कोविड एल-3 में भी आइसीयू बेड फुल हो गए हैं। प्रभारी मिथलेश कुमार ने बताया कि त्योहार पर लापरवाही, सर्दी और वायु प्रदूषण बढ़ने से गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। होम आइसोलेट मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ रहा है।