3,850 एचआइवी पाजिटिव मरीजों को नहीं हुआ कोरोना
जागरण संवाददाता गाजियाबाद जिले में बेशक एचआइवी संक्रमितों की संख्या में साल दर साल तेजी से
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: जिले में बेशक एचआइवी संक्रमितों की संख्या में साल दर साल तेजी से इजाफा हो रहा है लेकिन कोरोना महामारी के इस दौर में सक्रिय 3,850 एचआइवी पाजिटिव मरीजों को कोरोना नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग भी इस रिपोर्ट को लेकर आश्चर्य में हैं। रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2015 से अक्टूबर 2021 के बीच 270 एचआइवी संक्रमितों की मौत भी हुई है। इनमें 185 वयस्क पुरुष और 74 महिलाएं शामिल हैं। तीन बच्चे और छह बच्चियों की भी मौत दर्ज की गई है। दो ट्रांसजेंडर की भी मौत हुई है। घर-घर जाकर एवं ओपीडी में आने पर की जाने वाली जांच में पता चला है कि इस साल में अब तक 25,088 लोगों ने एड्स-एचआईवी की जांच कराई। इनमें से 216 में एचआइवी की पुष्टि हुई। जांच कराने वालों में 8,661 पुरुष, 16398 महिलाएं और नौ ट्रांसजेंडर शामिल हैं।
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ऐसे होता है एड्स का फैलाव
संक्रमित सुई, असुरक्षित यौन संबंध और ब्लड ट्रांसफ्यूजन के जरिये एचआइवी फैलता है। ऐसे में रक्त देते और लेते समय जांच अवश्य कराएं। प्रयोग की गई सुई का इस्तेमाल न करें और असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें। एड्स न तो सांस के जरिये और न ही छूने से फैलता। एड्स पीड़ितों के साथ ऐसा कोई व्यवहार न करें जो उन्हें पीड़ा देने वाला हो।
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एड्स जांच का विवरण
वर्ष जांच संक्रमित
2017 38786 372
2018 35438 287
2019 40479 442
2020 27641 213
2021 25088 216
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एचआइवी संक्रमित होने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है। अधिकांश मरीज टीबी संक्रमित हो जाते हैं। एड्स के फैलाव को केवल बचाव के जरिये ही रोका जा सकता है। एड्स के संक्रमण को कम करने के लिए एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) दी जाती है। अस्पताल परिसर में एआरटी सेंटर चल रहा है। इसके प्रभारी डा. शील वर्मा है। ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीजों की एड्स-एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंशी वायरस)जांच की जाती है।
- डा. अनुराग भार्गव, सीएमएस जिला एमएमजी अस्पताल