मेरठ जोन में रोज निकलता है 3024 मीट्रिक टन कूड़ा
जागरण संवाददाता गाजियाबाद केंद्र एवं राज्य सरकारें बेशक गंदगी हटाने और स्वच्छता सर्वे के
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : केंद्र एवं राज्य सरकारें बेशक गंदगी हटाने और स्वच्छता सर्वे के जरिये साफ सफाई पर बल दे रही हों लेकिन घरों से रोज निकलने वाले कूड़े का विधिवत निस्तारण नहीं हो रहा है। सरकारी रिपोर्ट में पता चला है कि एनसीआर के मेरठ मंडल में सबसे अधिक 3024 मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन निकल रहा है। गाजियाबाद में सबसे अधिक तो नोएडा में सबसे कम कूड़ा निकलता है।
डंपिग ग्राउंड न बनने के चलते नगर निकायों द्वारा अपने मनमाने तरीके से कूड़े को इधर-उधर फेंका जा रहा है। वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निस्तारण न किए जाने से गंदगी बढ़ रही हैं और हर तीसरा व्यक्ति बीमार भी हो रहा है। कूड़े के निस्तारण को लेकर आए दिन विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं। विगत दस साल में आधा दर्जन एफआइआर केवल कूड़ा डाले जाने का विरोध करने पर अकेले नगर निगम द्वारा दर्ज कराई गईं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ जोन में कुल 60 नगर निकाय हैं। इनके 1257 वार्डों में रोज 3024 मीट्रिक टन कूड़ा निकल रहा है। 1222 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का रिपोर्ट में दावा किया गया है।
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बीस सील बाद भी नहीं बना डंपिग ग्राउंड
वायुसेना स्टेशन हिडन की सुरक्षा के लिए रक्षा मंत्रालय की सिफारिश पर जिले में एक डंपिग ग्राउंड बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुदान दिया गया। डूडाहेड़ा में 14 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई। जीडीए एवं दो निजी बिल्डरों की मिलीभगत से जमीन पर टाउनशिप का बस गई। पार्षद राजेंद्र त्यागी ने मामला उठाया तो नक्शा निरस्त कर दिया गया। पार्षद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की तो उक्त बिल्डरों पर सवा दो करोड़ का जुर्माना लगा दिया गया। जुर्माना नगर निगम में जमा है। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण लंबित है।
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गालंद की फाइल भी अटकी
नगर निगम सीमा से बाहर गालंद में करीब तीस एकड़ जमीन पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने की योजना कई साल से फाइलों में अटकी हुई है। अब वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निस्तारण किए जाने पर विचार किया जा रहा है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश कुमार का दावा है कि कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था की जा रही है।
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कूड़े का विवरण
जनपद निकाय रोज निकलने वाला कूड़ा मीट्रिक टन
गाजियाबाद 9 1460
गौतमबुद्ध नगर 6 59
हापुड़ 4 140
बागपत 8 96
बुलंदशहर 17 335
मेरठ 16 934