वहाब चौधरी के बेटे व भाई की जमानत पर तीन माह की रोक
बलवा और जानलेवा हमले के मामले में आरोपित मुरादनगर के पूर्व विधायक वहाब चौधरी के बेटे और भाई पर पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर रासुका लगा दी गई है। लखनऊ स्थित एडवायजरी बोर्ड ने सुनवाई के बाद पुलिस की रासुका की कार्रवाई को सही बताते हुए दोनों की जमानत पर तीन माह के लिए रोक लगा दी है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बलवा और जानलेवा हमले के मामले में आरोपित मुरादनगर के पूर्व विधायक वहाब चौधरी के बेटे और भाई पर पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर रासुका लगा दी गई है। लखनऊ स्थित एडवायजरी बोर्ड ने सुनवाई के बाद पुलिस की रासुका की कार्रवाई को सही बताते हुए दोनों की जमानत पर तीन माह के लिए रोक लगा दी है। जमीन के विवाद को लेकर पूर्व विधायक के बेटे आदिल और भाई आसिफ ने 25 मार्च को रावली रोड पर खुलेआम 100 से अधिक राउंड फायरिग की थी। दोनों के खिलाफ पूर्व में भी मारपीट व बलवे के मुकदमे दर्ज हैं। वहीं दूसरे पक्ष के आरोपितों पर भी पुलिस ने रासुका की कार्रवाई की है, जिसमें सुनवाई चल रही है। दूसरा भाई रहा है हिस्ट्रीशीटर
मुरादनगर के कोट मोहल्ला निवासी वहाब चौधरी साल 2012 में बसपा की टिकट पर मुरादनगर के विधायक बने थे। बेटे व भाई पर रासुका लगने से पहले उनका दूसरा भाई आस मोहम्मद हिस्ट्रीशीटर बदमाश रहा है। लूट, हत्या व डकैती के 42 मुकदमों में आरोपित आस मोहम्मद को भी पुलिस ने आचार संहिता के दौरान तीन पिस्टल, तमंचे व भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए थे। 25 मार्च को विधायक के बेटे व भाई का अता इलाही व उसके भाई नौशाद व सरताज समेत अन्य के साथ झगड़ा 25 मार्च को झगड़ा हो गया था। रावली रोड पर दोनों ने बीच रोड पर 100 राउंड से अधिक फायरिग की थी। बोर्ड ने दोनों की तीन माह तक जमानत नहीं मिलेगी। इसके बाद फिर से रासुका की रिपोर्ट पर दुबारा सुनवाई होगी। छेड़छाड़ के आरोपित पर भी लगी रासुका
ट्रॉनिका सिटी थानाक्षेत्र में दिसंबर-2018 में छेड़छाड़ के बाद थाने में मारपीट व तोड़फोड़ के मामले में आरोपित राहुल के खिलाफ भी एडवायजरी बोर्ड ने रासुका लगाने का फैसला दिया है। अप्रैल में राहुल के खिलाफ गाजियाबाद पुलिस ने रिपोर्ट लखनऊ को भेजी थी। राहुल के भाई पर भी पूर्व में रासुका लग चुकी है।
कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वालों के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। पूर्व विधायक के बेटे व भाई पर रासुका रासुका लगाने का फैसला एडवायजरी बोर्ड ने दिया है। दूसरे पक्ष के आरोपितों पर भी सुनवाई चल रही है।
- उपेंद्र कुमार अग्रवाल, एसएसपी।
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