पांच अस्पतालों पर छापे, एक में ढाई सौ रेमडेसिविर का हिसाब नहीं
जासं गाजियाबाद शासन और प्रशासन के नियमों का अनुपालन न होने की शिकायत पर नोडल अधिकारी
जासं, गाजियाबाद : शासन और प्रशासन के नियमों का अनुपालन न होने की शिकायत पर नोडल अधिकारी सैंथिल पांडियन सी के निर्देश पर प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने पांच अस्पतालों में छापा मारा। इस दौरान नागर अस्पताल में 250 रेमडेसिविर इंजेक्शन का हिसाब न मिलने पर अस्पताल संचालक को नोटिस जारी किया गया है तो दूसरी तरफ तीन अस्पतालों से जरूरतमंदों के लिए 35 बेड खाली कराए गए हैं। इन बेडों को कंट्रोल रूम में फोन करने वाले जरूरतमंद मरीजों को दिलाया जाएगा। प्रत्येक अस्पताल को दस फीसद बेड ऐसे मरीजों के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी अस्पतालों से संसाधनों और मरीजों का रिकार्ड रोजाना देने के लिए कहा गया है। कोविड अस्पताल बनने से पहले मंगाया जाने लगा रेमडेसिविर इंजेक्शन
बुधवार की देर रात को एसडीएम मोदीनगर आदित्य प्रजापति, पुलिस अधीक्षक देहात डॉ. ईरज राजा की टीम ने नागर अस्पताल और नेहरू नगर स्थित गणेश अस्पताल में छापा मारा। नागर अस्पताल को 26 अप्रैल से कोविड के सात मरीजों का उपचार करने की अनुमति मिली, जबकि इस अस्पताल में छह अप्रैल से रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाए जा रहे थे। ये रेमडेसिविर इंजेक्शन कहां गए या किस मरीज को लगाए गए, इसका रिकार्ड अस्पताल के पास नहीं मिला। शक है कि इस इस अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की गई है। हालांकि विस्तृत जांच जारी है। अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। गणेश अस्पताल में भी खामियां मिली हैं, जिनमें सुधार के लिए निर्देश दिए गए हैं।
खाली कराए 35 बेड
बृहस्पतिवार दोपहर को नोडल अधिकारी के निर्देश पर अपर नगर मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर दीपा लाल ने ट्रांस हिडन स्थित ली क्रेस्ट अस्पताल, नरेंद्र मोहन अस्पताल और अटलांटा अस्पताल में औचक निरीक्षण किया। यहां पर शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के बावजूद 10 फीसद बेड कंट्रोल रूम में फोन करने वाले जरूरतमंद मरीजों के लिए आरक्षित नहीं किए जा रहे थे। ऐसे में ली क्रेस्ट अस्पताल में 15, नरेंद्र मोहन अस्पताल में दस और अटलांटा अस्पताल में दस बेड खाली कराए गए हैं। इन अस्पतालों से भी मरीजों के उपचार में इस्तेमाल किए गए संसाधनों का रिकार्ड भी मांगा गया है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली वायल को हिसाब देने के लिए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।
टीमों को औचक निरीक्षण के लिए भेजा गया। नागर अस्पताल में 250 रेमडेसिविर इंजेक्शन का रिकार्ड नहीं मिला है। अस्पताल संचालक पर विस्तृत जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक जरूरतमंद मरीज को उपचार दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।
-सैंथिल पांडियन सी, नोडल अधिकारी।