आंदोलनरत 11 किसान 24 घंटे रहे भूख हड़ताल पर
जागरण संवाददाता गाजियाबाद तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर यूपी गेट पर 28
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर यूपी गेट पर 28 नवंबर से शुरू हुआ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। बुधवार को 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे। इन किसानों ने बुधवार सुबह आठ बजे से भूख हड़ताल शुरू की और बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे तक यह भूख हड़ताल पर रहेंगे। बृहस्पतिवार सुबह से दूसरे 11 किसान भूख हड़ताल करेंगे। बुधवार को चिकित्सकों की टीम ने भूख हड़ताल पर बैठे हुए 11 किसानों के स्वास्थ्य की जांच की। वहीं चार दिन से लगातार हो रही बारिश से किसानों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। मंगलवार रात व बुधवार सुबह हुई बारिश से किसानों के टेंट व पंडालों में पानी भर गया और गद्दे, रजाई समेत अन्य कपड़े और सामान भीग गया। बारिश के कारण आंदोलन स्थल पर जगह-जगह जलभराव हो गया है और कई स्थानों पर कीचड़ हो गया है। बुधवार को किसान रजाई गद्दे सुखाने व कीचड़ हटाने में लगे रहे। टेंटों के गीला होने से किसान उसमें नहीं रह पा रहे हैं।
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठा किसान: कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार दोपहर एक बजे एक किसान अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गया। बदायूं से आए किसान रूम सिंह यादव ने एलान किया है कि जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेगी तब तक वह भूख हड़ताल जारी रखेंगे। बुधवार को उनके अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के बाद किसानों ने उनका समर्थन किया और जमकर नारेबाजी की। चिकित्सक मौके पर पहुंचकर लगातार उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं।
बारिश के चलते किसानों ने बनाया नया मंच: बारिश के कारण मंच के आसपास पानी भरने के कारण किसानों ने बुधवार को नया मंच बना दिया। यह मंच पूरी तरह से वाटरप्रूफ है और ऊंचे स्थान पर बनाया गया है। दोपहर बाद नया मंच बनकर तैयार हो सका। इसके चलते मंच का संचालन भी दोपहर बाद ही किया गया।
किसानों ने बनाई पेंटिंग: बुधवार को आंदोलन स्थल पर इलाहाबाद से आठ किसान पहुंचे और किसानों के आंदोलन का समर्थन किया। इस दौरान उन्होंने किसानों के आंदोलन से संबंधित पेंटिंग बनाई। यह पेंटिग आंदोलन स्थल पर आकर्षण का केंद्र बनी रही।
दिल्ली से आए किसानों ने गाए गीत: दिल्ली से किसानों की एक टोली बुधवार को आंदोलन स्थल पर पहुंची। इस दौरान किसानों की टोली ने देशभक्ति के गीत गाकर किसानों में उत्साह भरा। कई घंटे तक टोली आंदोलन स्थल पर रही और किसानों के बीच घूम-घूम कर गीत गाती रही।