कोरोनाकाल में अपनों को खो चुके 100 बच्चों को मिले 12 लाख रुपये
जासं गाजियाबाद कोरोना महामारी से अपनों को खो चुके बच्चों को सहारा देने के लिए शासन ने बृहस्पतिवार से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। इसके तहत कोरोना संक्रमण से जिन बच्चों के माता पिता में से किसी एक या दोनों की मौत हुई है उनको लाभ दिया जाएगा। बृहस्पतिवार को लखनऊ में इस योजना का शुभारंभ कर रहे मुख्यमंत्री व राज्यपाल के कार्यक्रम का कलक्ट्रेट में लाइव प्रसारण हुआ।
जासं, गाजियाबाद: कोरोना महामारी से अपनों को खो चुके बच्चों को सहारा देने के लिए शासन ने बृहस्पतिवार से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। इसके तहत कोरोना संक्रमण से जिन बच्चों के माता, पिता में से किसी एक या दोनों की मौत हुई है, उनको लाभ दिया जाएगा। बृहस्पतिवार को लखनऊ में इस योजना का शुभारंभ कर रहे मुख्यमंत्री व राज्यपाल के कार्यक्रम का कलक्ट्रेट में लाइव प्रसारण हुआ। इस दौरान 10 बच्चों को जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, महापौर आशा शर्मा व मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने प्रतीकात्मक रूप से सहायता राशि का चेक व एक पौधा दिया। सौ बच्चों को आनलाइन माध्यम से सहायता राशि दी गई।
मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल ने बताया कि जिले में योजना का लाभ लेने के लिए 291 बच्चों का चयन हुआ है। इनमें 25 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को कोरोना के कारण खो दिया है। बृहस्पतिवार को 100 बच्चों को आनलाइन माध्यम से 12 लाख रुपये दिए गए हैं। एक बच्चे को प्रतिमाह चार हजार रुपये मिलेंगे। बृहस्पतिवार को तीन माह की सहायता राशि एकमुश्त दी गई है। जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र ने बताया की जो बच्चे नौंवी से 12वीं में है, उनको लैपटाप या टैबलेट दिया जाएगा। अगर बच्चे का पालन पोषण करने वाला कोई नहीं है तो उसे बालगृह में रखा जाएगा। पढ़ाई के लिए बच्चों का दाखिला कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय व अटल आवासीय विद्यालय में कराया जाए्गा। बालिका की शादी में एक लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा। परिवार के पात्र सदस्यों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। रोजगार दिलाने की पहले करेगा प्रशासन: मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थियों में जिन बच्चों के पिता की मौत हुई है, उनकी मां को निजी संस्थान में रोजगार दिलाया जाएगा, ताकि घर खर्च चलाने में परेशानी न हो। जिला प्रशासन की इस पहल से महिलाओं को राहत मिलेगी। इसके साथ ही जो बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उनकी फीस माफ कराई जाएगी। परिचर्चा
27 अप्रैल को मेरे पति प्रवीन गुप्ता की कोरोना से मौत हो गई थी। आज हमारी मदद के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है, इससे हमें राहत मिली है। जिला प्रशासन ने नौकरी दिलाने का भरोसा दिया है। - दीपिका गुप्ता, शालीमार गार्डन निवासी। बयान
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत हो चुकी है। जिले में इस योजना का लाभ प्रत्येक पात्र लाभार्थी को दिलाया जाएगा। कोरोना के कारण अपनों को खो चुके बच्चों की हरसंभव मदद दी जाएगी।-राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी।