सर्दी में गर्मी से थी आफत, बारिश ने उम्मीदों पर फेरा पानी
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। कंपकंपाने वाली जनवरी में फरवरी और मार्च जैसी गर्मी ने आलू किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। इस बार गर्मी के चलते उत्पादन में करीब 40 फीसद गिरावट की आशंका है। बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अब रोग में बीमारी फैलने का खतरा भी सता रहा है।
जेएनएन, फीरोजाबाद: कंपकंपाने वाली जनवरी में फरवरी और मार्च जैसी गर्मी ने आलू किसानों को पहले ही ¨चता में डाल रखा था। रही सही उम्मीदें सोमवार शाम हुई बारिश ने धो डालीं। आलू की फसल समय से पहले पकने लगी थी। आलू की मात्रा और आकार कम रह गया है। पौधे भी पीले पड़ गए हैं। इससे उत्पादन में 40 से 50 फीसद गिरावट की आशंका है। खेत में पानी भरने से फसल सड़ने और झुलसा रोग होने का भी खतरा है।
नारखी के गांव जौंधरी के किसान पप्पू अपना आलू का खेत देख ¨चता में बैठे हैं। उन्होंने 40 बीघा में आलू बोया था। पीले पड़ चुके पौधे दिखाते हुए कहा कि इस बार आलू भी कम पड़ा है। एक पौधे में तीन चार आलू ही निकल रहे हैं। उनका कहना है कि गर्मी के कारण ऐसा हुआ है। शाम को बारिश ने और जुल्म ढा दिया। जिले के अधिकांश आलू किसानों का यही हाल है। वे अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। 2018 में बारिश अच्छी होने से अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार सर्दी भी खूब पड़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दिसंबर के बाद जनवरी के 20 दिन गुजर गए, लेकिन कोहरा नहीं पड़ा।
वहीं दिन में तेज धूप भी निकल रही है। इस कारण तापमान बढ़ा हुआ है। इसका सीधा असर आलू उत्पादन पर पड़ा है। आलू का आकार छोटा रह गया है और फसल पकना शुरू हो गई है। जबकि आलू की खोदाई हर साल फरवरी के अंत में शुरू होती थी। इस बार किसानों को खोदाई जल्द शुरू करनी पड़ेगी। रही सही कसर सोमवार शाम हुई बारिश ने पूरी कर दी।