पचोखरा प्रकरण: प्रशासन ने कहा बीमारी से हुई थी वृद्धा की मौत
डीएम-एसएसपी ने की संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता गांव में फोर्स तैनात नामजद किए गए आरोपितों पर जांच के बाद होगी कार्रवाई।
टीम जागरण, फिरोजाबाद: रविवार को वृद्धा की मौत को लेकर पुलिस पर लग रहे आरोपों को लेकर प्रशासन सोमवार को सामने आया। डीएम और एसएसपी ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वृद्धा की मौत की वजह फेफड़ों का इंफेक्शन और अंगों का काम न करना आया है। मारपीट के कोई निशान नहीं हैं। परिवार द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में निष्पक्ष जांच कराई जा रही है।
होली के दौरान हुई मारपीट की घटना में जेल में बंद शारदा देवी (60) पत्नी फौरन सिंह के चार लड़के शनिवार को जेल से छूट कर घर आए थे। इस बीच पचोखरा थाने की पुलिस टीम रात करीब 12 बजे युवकों का हाल जानने उनके घर पहुंची थी। परिवार ने आरोप लगाया कि गांव के तीन लोगों के साथ आई पुलिस टीम ने धक्कामुक्की की, जिससे वृद्धा की मौत हुई। इस मामले में गांव के तीन लोगों और पुलिस टीम पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सोमवार सुबह साढ़े दस बजे एसपी सिटी कार्यालय में डीएम सूर्यपाल गंगवार और एसएसपी आशीष तिवारी ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता की। एसएसपी ने बताया कि पुलिस का हाल चाल दस्ता गया था। वृद्धा के घर और पड़ोसी घर में जानकारी ली गई थी। वृद्धा के साथ किसी तरह की अभद्रता और धक्का-मुक्की नहीं हुई है। एक आरोपित शिवाकांत के मोबाइल की लोकेशन घटना के वक्त जसराना के बरौली गांव में मिली है। वहीं डीएम ने कहा कि डाक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें शरीर पर किसी भी तरह की चोट नहीं आई है। इस संबंध में सीएमओ ने भी अपनी रिपोर्ट दी है।
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गांव में पुलिस फोर्स तैनात
घटना के बाद इमलिया गांव में पीड़ित परिवार और गांव के रास्तों पर पुलिस फोर्स तैनात रहा। रविवार रात वृद्धा के अंतिम संस्कार के बाद पैरोल पर आए वृद्धा के बड़े बेटे लायक सिंह को वापस जेल भेज दिया गया। वहीं परिवार के यहां रिश्तेदार मौजूद थे। न्यायालय के आदेश पर भी पिता-पुत्र पर मुकदमा
23 मार्च को हुई दोनों पक्षों के बीच मारपीट के मामले में मृतका के पुत्र जितेंद्र के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट के आदेश से कैलाशचंद्र उपाध्याय और उनके बेटे शिवकांत, दीपक तथा एक अन्य आशू के खिलाफ रविवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया।