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श्वानों से सावधान, अस्पताल में नहीं इलाज

एक सप्ताह से नहीं है वैक्सीन प्राइवेट में इलाज को मजबूर पीड़ित 250 पीड़ित प्रतिदिन पहुंच रहे हैं अस्पताल।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 05:18 AM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 05:18 AM (IST)
श्वानों से सावधान, अस्पताल में नहीं इलाज
श्वानों से सावधान, अस्पताल में नहीं इलाज

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: श्वानों से सावधान, क्योंकि स्वशासी राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं हैं। अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए आने वालों को निजी डाक्टर के पास भेजा जा रहा है।

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ठंड के मौसम में श्वानों का स्वभाव बदल जाता है। वे अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक खूंखार हो जाते हैं। इसलिए इस मौसम में श्वान के काटे गए पीड़ितों की संख्या अन्य मौसम की तुलना में बढ़ जाती है। इसकी पुष्टि अस्पताल से भी हो रही है। यहां तैनात कर्मचारी ने बताया कि अन्य मौसम में एआरवी लगवाने के लिए अस्पताल में दो सौ के करीब रोगी प्रतिदिन आते हैं, लेकिन इन दिनों करीब 250 मरीज आ रहे हैं। इसलिए ठंड के मौसम में एंटी रैबीज वैक्सीन की खपत भी बढ़ गई है। जनवरी के पहले सप्ताह में भी वैक्सीन समाप्त हो गई थी। तब लखनऊ से एआरवी के एक हजार वायल की डिमांड की गई थी, लेकिन 300 वायल ही मिले। एक सप्ताह से अस्पताल में वैक्सीन नहीं है। सीएमएस डा. आरके पांडेय ने बताया कि लखनऊ से इसकी डिमांड की गई है। जल्द वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। - एक दिन में 50 वायल की जरूरत

एआरवी के एक वायल में पांच लोगों का वैक्सीनेशन किया जाता है। इस तरह इन दिनों रोजाना 50 वायल की जरूरत पड़ रही है। इसे लगवाने के लिए आने वाले लोग या तो लौट जाते हैं, या फिर प्राइवेट मेडिकल से खरीद कर लगवाते हैं।

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बाजार में महंगा है इलाज

सरकारी अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन मुफ्त में लगती है, वहीं प्राइवेट अस्पताल में इसे खरीदना पड़ता है। मेडिकल स्टोर से एक वैक्सीन डोज चार सौ रुपये की आती है। डाक्टर लगाने की फीस अलग से लेते हैं। चार डोज पीड़ित को लगवानी पड़ती है।

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250 श्वान से पीड़ित प्रतिदिन आ रहे हैं सरकारी अस्पताल

50 वायल की अस्पताल को जरूरत होती है प्रतिदिन

5 मरीजों का होता है एक वायल से उपचार

400 रुपये है बाजार में इसकी कीमत


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